अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के एम एल के पी जी कॉलेज सभागार में आई क्यू ए सी एवं बीसीए विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन समारोह रविवार को आयोजित किया गया। समारोह में साइबर क्राइम के कारण व निवारण पर विस्तार से चर्चा की गई।
29 सितंबर को "साइबर क्राइम:भारत मे मुद्दे, चुनौतियों और सुरक्षा" पर आयोजित संगोष्ठी के समापन समारोह की अध्यक्षता प्रो0 पी के सिंह ने की। उन्होंने समारोह में उपस्थित शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आई क्यू ए सी व बीसीए विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह संगोष्ठी आने वाले समय मे लोगों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। दो दिनों तक चले मंथन के बाद यह निष्कर्ष निकलता है कि वर्तमान परिदृश्य में आधुनिक तकनीक की भी आवश्यकता है साथ ही जरूरत है जागरूकता की। किसी भी तकनीक का हम इस्तेमाल कितनी सतर्कता व सावधानी से करते हैं वही हमारे सुरक्षा का कारण बन सकता है। संगोष्ठी के समन्वयक डॉ सद्गुरु प्रकाश ने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया डिजिटलीकरण के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है, साइबर हमलों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। बीसीए तृतीय सेमेस्टर के छात्र सत्यम पाण्डेय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए मोबाइल हैकिंग के बारे में जानकारी दी साथ ही मोबाइल हैक होने पर बरती जाने वाली सावधानी के बारे में विस्तार से बताया। विभागाध्यक्ष बीसीए अभिषेक सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया जबकि डॉ मसूद मुराद ने सभी का स्वागत किया। डॉ बीएल गुप्ता ने दो दिनों तक चले संगोष्ठी के रिपोर्ट को प्रस्तुत किया। बीते दिनों सांयकालीन सत्र में रामस्वरूप कॉलेज लखनऊ के डॉ शशांक शेखर ने साइबर क्राइम का शिकार होने पर उसकी वैधानिक स्थिति के बारे में जानकारी दी तथा उससे निपटने के बारे मे बताया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी विभागों के अध्यक्ष, प्राध्यापक, शिक्षाविद, शोधकर्ताओं के साथ साथ महाविद्यालय के छात्र-छात्रा मौजूद रहे।
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