अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में 5 सितम्बर को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज में ‘शिक्षक दिवस‘ मनाया गया। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एमपी तिवारी एवं कोषाध्यक्षा मीता तिवारी नें सर्वप्रथम भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यपर्ण करके द्धीप प्रज्जवलित किया।
प्रबन्ध निदेशक ने मुख्य अतिथि 9वीं बटालियन एसएसबी के राज कुमार तेज कुमार सिंह डिप्टी कमांडेंट तथा सम्मानित अतिथि हवलदार जीडी अविनाश पाण्डेय एवं प्रदीप कुमार, डॉ0 जे0पी0 तिवारी पूर्व एसो0प्रो0 वनस्पति विज्ञान एम0एल0के0 पी0जी0 कालेज बलरामपुर, डॉ0 माधवराज द्धिवेदी पूर्व एसो0प्रो0 संस्कृत विभाग एम0एल0के0पी0जी0 कालेज, बलरामपुर एवं डॉ0 शिवानंद विभागाध्यक्ष इकोनोमिक्स विभाग, एम0एल0के0 पी0जी0 कालेज, बलरामपुर को बैज लगाकर एवं पुष्प गुच्छ देकर स्वागत व अभिनदंन किया । विद्यालय के छात्रों ने प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी, कोषाध्यक्षा मीता तिवारी, उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं का जल व पुष्प से पैर प्रच्छालन किया ।
इसी क्रम में विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक ने डॉ0 जे0पी0 तिवारी तथा डॉ0 माधवराज द्धिवेदी का जल व पुष्प से पैर प्रच्छालन किया एवं आशीर्वाद प्राप्त किया। विद्यालय के समस्त अध्यापक अध्यापिकायें अपने शिष्य के द्वारा पैर प्रच्छालन से भावविभोर हो गये, और इस प्रकार सम्मान पाकर उनके आँखों मे आँसू आ गये। इसी क्रम मे विद्यालय के छात्रों ने अपने गुरू के पैर तौलिये से पोछा तत्पश्चात् विद्यालय के छात्राओं ने अपने गुरूओं का मनमोहक आरती का थाल सजाकर सबकी आरती उतारी एवं रोली टीका किया। इस कार्यक्रम से प्रभावित होकर प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी, कोषाध्यक्षा मीता तिवारी, उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं नें समस्त छात्र-छात्राओं को आर्शीवाद दिया। इसी क्रम में कक्षा-11 की छात्रा अंशिका श्रीवास्तव नें 9वीं बटालियन एस0एस0बी0 के डिप्टी कमांडेंट का संक्षिप्त परिचय अध्यापक अध्यापिकाओं तथा छात्र छात्राओं को दिया।
प्रबन्ध निदेशक ने बच्चों को संदेश दिया कि हम ‘शिक्षक दिवस‘ क्यों मनाते है। ये आप सभी को पता है। आज के दिन यानि 5 सितम्बर को हमारे भूतपूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। वे राष्ट्रपति बनने के पूर्व एक शिक्षक थे। उन्होनें अपना पूरा जीवन दूसरों को मार्गदर्शन प्रदान किया और छात्रों को ज्ञान देकर मार्ग प्रसस्त किया। जो बच्चे अभी छात्र है ये ही लोग देश को आगे संभालेंगे। हमें सबसे पहले देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना होगा। हम अपने देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार कर लेते है तो आपरूपी हमारा देश तरक्की करेगा, आगे बढ़ेगा, गरीबी मिटेगी और लोग खुद ब खुद अपने पसंद के अनुसार अपना रोजगार व अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते है। शिक्षक दिवस‘ के अवसर पर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम, कला प्रतियोगिता एवं भाषण का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत समूह नृत्य नर्सरी एवं यू0के0जी0 (गीत-वी लव यू टीचर्स) नामक गीत पर अभिदा, देवांसी, साविका, सानवी, श्रुतिका, आरायना, अदिती, अनवी, तान्या, वानी, सना, अनन्या कक्षा-1 से (गीत-छोड़ मम्मी का हाथ) नामक गीत पर आराध्या, हलाता, काव्या, श्रद्धा, परिधि, प्रेरणा, अनघा, श्रावनी, पियूश, प्रखर कक्षा-2 से (गीत-शुक्रिया-शुक्रिया) नामक गीत पर प्रज्ञा, मोहनी, सौम्या, आराध्या, निंकुज, आदिती, साक्षी, अभिषेक, एकाग्र कक्षा-3 से (गीत- गुरूवर तो प्यार के सागर) नामक गीत पर आव्या, श्रृष्टि, मानवी, अभिश्री, यशवी, मिष्ठी कक्षा-4 से (गीत-गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु) नामक गीत पर मरियम, आरोही, मेधावी, उपासना, आशी, काव्या, सौम्या, मानवी आदि छात्र-छात्राओं ने सुन्दर-सुन्दर नृत्य प्रस्तुत करके दर्शकों का मन मोह लिया। कला प्रतियोगिता में कक्षा-4 के छात्र-छात्राओं में दक्षेस, शशांक, श्रेया, आकृति, उपसना, कक्षा-5 के छात्र-छात्राओं ने मिनाक्षी, आलिया, आस्था, साहवी, सिदरा, मानवी, अनुष्का, सुधा, आकृति, अविका, अर्पित, अविसी, अनन्या, वर्णित, आदित्य, प्रार्थना तथा पलक ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया। भाषण कार्यक्रम में यू0के0जी0 से अनन्या, कार्तिक, विकास, रईस, मानस, अभीख, कक्षा-1 से काव्या, सैयद हलाता, जयस, वैष्णवी, श्रावनी, कक्षा-2 से मोहनी, प्रज्ञा, अदिती, अक्षत, निकुंज, सिद्ध, पारूल, कक्षा-3 से आव्या, अवन्तिका, नितिका, एस0के0सौर्य, श्रृष्टि, कक्षा-4 से मरियम, रिया, हर्ष, सौम्या, विराट, तनय, श्रेया, मानविक, श्रृष्टि आदि छात्र-छात्राओं ने अपना-अपना विचार शिक्षक दिवस पर प्रस्तुत किया। इसी क्रम में कक्षा-11 के कक्षा अध्यापक राघवेन्द्र त्रिपाठी के नेतृत्व में सभी छात्र-छात्राओं ने विद्यालय के सभी अध्यापक/अध्यापिकाओं को सुन्दर-सुन्दर लेख प्रस्तुत किया एवं अल्पाहार करवाया । प्रबन्ध निदेशक ने समस्त बच्चों को संदेश दिया कि जिस प्रकार कुम्हार मिट्टी को बर्तन का आकार देता है, ठीक उसी प्रकार शिक्षक छात्र के जीवन को मूल्यवान बनाता है। जिस तरह एक पक्की नींव ही ठोस और मजबूत भवन का निर्माण करती है, ठीक उसी प्रकार शिक्षक विद्यार्थी रूपी नींव को सुदृढ़ करके उस पर भविष्य में सफलता रूपी भवन खड़ा करने में सहायता करता है। एक शिक्षक ही है जो मनुष्य को सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाता है और जीवन में सही और गलत को परखने का तरीका बताता है। कहा जाता है कि एक बच्चे के जीवन में उसकी माँ पहली गुरू होती है, जो हमे इस संसर से अवगत कराती है। वहीं दूसरे स्थान पर शिक्षक होते है, जो हमें सांसारिक बोध कराते है। शिक्षक से हमारा संबंध बौद्धिक और आंशिक होता है। विद्यालय के आडिटोरियम में प्रबन्ध निदेशक, कोषाध्यक्षा एवं अध्यापक अध्यापिकाओं सहित छात्र छात्राओं के साथ केक काटकर उनका मुँह मीठा कराया और सामूहिक नृत्य भी किया तथा छात्र/छात्राओं को टॉफी, बिस्कुट, नमकीन एवं कोल्ड ड्रिक खिलाया पिलाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के कोषाध्यक्षा, उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, राघवेन्द्र त्रिपाठी तथा समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं नें बच्चों के मनमोहक कार्यक्रम को देखकर सराहना की तथा बच्चों को प्रोत्साहित किया। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक ने ‘शिक्षक दिवस‘ पर समस्त अध्यापक, अध्यापिकाओं तथा समस्त स्टाफ को जलपान कराया एवं उपहार देकर सम्मानित करके उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हए कार्यक्रम का समापन किया।
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