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पुलिस के UPCOP एप्लीकेशन के जरिए करते थे वसूली, पूरा मामला जानकर होगी हैरानी



उत्तर प्रदेश के नोएडा पुलिस ने एक हैरान करने वाले मामले का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी उत्तर प्रदेश पुलिस के एप्लीकेशन UP COP से लोगों को चुनकर पुलिस अधिकारी बन करके फोन करते थे, उनके सहयोग के एवज में पीड़ित व्यक्ति 3 से 5 हजार रुपए सुविधा शुल्क के नाम पर वसूली करते थे। पीड़ित से बातचीत करने का ऑडियो वायरल होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश के बॉर्डर स्थित ओरछा जिला के रहने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मामले में शामिल ऐसे कई आरोपियों को भी चिन्हित किया है, जिनकी जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।

कैसे लोगों का करते थे शोषण

दरअसल कुछ ऐसे मामले होते हैं जिसमें पुलिस एफआईआर तो दर्ज कर लेती है, लेकिन मामले में गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है। ऐसे लोगों से संपर्क करने के लिए यूपी कॉप पुलिस के एप्लीकेशन से एफआईआर कॉपी निकाल कर लोगों के मामले को अच्छे से समझ लेते थे। फिर कॉपी में मौजूद पीड़ित के नंबर पर फोन करके उनसे वसूली की जाती थी। 

ऑडियो वायरल वायरल

दरअसल दो-तीन दिन पूर्व नोएडा के एक पीड़ित से आरोपी के बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें आरोपी ने खुद को पुलिस मीडिया सेल से पुलिस अधिकारी बताकर पीड़ित के मामले में सहयोग करने के एवज में रुपए की मांग की थी।

चौंक गई पुलिस

इंटरनेट पर बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस भी चौंक गई थी, पड़ताल के बाद ज्ञात हुआ था कि ऑडियो किसी पुलिसकर्मी का नहीं बल्कि फर्जी तरीके से ठगी करने वाले किसी अज्ञात व्यक्ति का है। 

मुकदमा दर्ज 

मामले को गंभीरता से लेते हुए थाना सेक्टर 63, ने पीड़ित से फोन करने वाले युवक का मोबाइल नंबर लेकर अज्ञात के खिलाफ जांच पड़ताल करते हुए मुकदमा दर्ज किया था।

दुकानदार भी हिस्सेदार

मामले में पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2 दिन पहले एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था, जिसमें पुलिसकर्मी बनकर रुपए की मांग कर रहा था। मामले को संज्ञान लेकर वादी के तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया गया। जांच में पाया गया कि फोन करने वाला आरोपी ओरछा जिले का रहने वाला धीरेंद्र यादव है। जांच में पाया गया कि यह लोग गिरोह की तरह काम करते हैं। ऐसे मुकदमे जिनमे गिरफ्तारी नहीं होती है, ऐसे मुकदमों को छाँटकर 3 से 5 हजार रुपए की मांग करते थे। जिसमें गिरफ्तारी कराने, जल्दी गिरफ्तारी कराने के नाम पर रकम मांगी जाती थी। आरोपी की स्थानीय दुकानदार से मिलीभगत है, जहां से एक्टिवेटेड सिम मंगवा कर फोन करते थे। इनके द्वारा वसूले गए रकम में 20% रुपए सिम देने वाला दुकानदार भी पाता था। वहां पर पूरा गिरोह काम कर रहा है, जिसमे से कुछ लोगों को वांछित किया गया है। दुकानदार पुष्पेंद्र को भी वंचित किया गया है, उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा।

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