पुलिस ने दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जिला मुख्यालय
माता पिता की मौत से बेसहारा हो गए बच्चे
कमलेश
खमरिया-खीरी:ईसानगर थाना क्षेत्र के गणेशपुर में पति-पत्नी ने आपसी विवाद के बाद अलग अलग स्थानों पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली,जिसकी जानकारी होते ही गांव में सनसनी फैल गई। वही सूचना पाकर मौके पर पहुची ईसानगर पुलिस ने दोनों के शवो को कब्जे में लेकर विधिक कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया। वही माता पिता की मौत के बाद उनके पीछे चार बच्चे बेसहारा हो गए जिनके पालन पोषण को लेकर ग्रामीणों के बीच तरह तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
शुक्रवार को ईसानगर थाना क्षेत्र के गणेशपुर क़ुरतहिया गांव निवासी लाल विक्रम मौर्य (48) पुत्र भगौती प्रसाद व उसकी पत्नी कुसुमा देवी (45) के मध्य पारिवारिक विवाद हुआ था, इसी विवाद को लेकर कुसुमा ने दोपहर अपने घर में छत में लगे छल्ले से रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। जिसके शव को पति लाल विक्रम ने खुद ही नीचे उतारने के बाद घर से भागकर गांव के बाहर कौशल के खेत में लगे आम के पेड़ में गमछा से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिसकी जानकारी होते ही गांव में सनसनी फैल गई,वही अचानक घटित हुई घटना को लेकर मृतक के भाई
लाल मोचन के द्वारा दी गई सूचना के आधार पहुचे सीओ पीपी सिंह की मौजूदगी में थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार गंगवार व उपनिरीक्षक सुनील कुमार तिवारी ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पंचायतनामा की कार्यवाही करते हुए पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया। इस बाबत थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार गंगवार ने बताया कि पति-पत्नी के बीच हुए आपसी विवाद में घटित हुई घटना की सूचना मृतक के भाई से मिलते ही मौके पर पहुचकर दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पीएम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया गया है।
माता-पिता की आपसी विवाद में हुई मौत से बच्चे हो गए बेसहारा
लाल विक्रम मौर्य व उनकी पत्नी कुसुमा की आपसी विवाद में हुई मौत उनके चार बच्चे जिसमें सबसे बड़ा बेटा रंजीत मौर्य (15) पुत्री किरन मौर्य (13) संजीत मौर्य (9) व सुनील मौर्य (5) बेसहारा हो गए। जिनके बारे में जिसने भी सुना व मौके पर पहुचकर जिसने भी उन्हें रोते विलखते देखा उसकी ही आंखें नम हो गई। इस बाबत ग्राम प्रधान प्रतिनिधि जोगेंद्र कुमार के साथ परिवार के सतीश कुमार मौर्य ने बताया कि अचानक घटित हुई घटना से गांव के सभी लोग आहत है सबसे ज्यादा दिक्कत तो अब उनके बच्चों की है जिनको कोई भी देखने व पालन पोषण करने वाला नहीं है।
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