उत्तर प्रदेश के जौनपुर में आधी रात को डीएम ने एनएचआई कार्यालय में छापेमारी किया जिससे तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया। इस दौरान तमाम फर्जीवाड़े की पोल खुल गई है। मौके पर कर्मचारियों के साथ एक शिक्षक भी संदिग्ध पाए गए हैं।
दरअसल कार्यालय में तैनात कर्मचारियों के आपसी मनमुटाव से कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। इसके बाद आधी रात को जिलाधिकारी ने छापेमारी कर कार्यालय का दस्तावेज खंगाला।
मिला गड़बड़ झाला
कार्यालय सक्षम प्राधिकारी भूमि अधिग्रहण के औचक निरीक्षण में गहनता से पत्रावलियों और अभिलेखों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय CALA में भुगतान संबंधी पत्रावलियां संदिग्ध पाई गई, जिस पर इन पत्रावलियों की विस्तृत जांच कराने के निर्देश दिए।
अध्यापक सहित कई पर कार्यवाही
जांच के दौरान प्रथम दृष्टया कार्यालय में तैनात कानूनगो, कंप्यूटर ऑपरेटर, क्लर्क तथा बेसिक शिक्षा विभाग के एक अध्यापक की भूमिका संदिग्ध पायी गयी है। जिसपर कानूनगो को कलेक्ट्रेट से संबद्ध करने और कंप्यूटर ऑपरेटरों की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिया गया।बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापक को नोटिस जारी करने के लिए मुख्य राजस्व अधिकारी को निर्देश दिया गया है।
जौनपुर डीएम ने आधी रात को की छापेमारी, खुली पोल pic.twitter.com/X5tytD7fyl
— crime junction (@crimejunction) August 23, 2024
डीएम
बोले डीएम
जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार छापेमारी की गई है, मुख्यमंत्री का आदेश है, जहां भी भ्रष्टाचार की शिकायत मिले वहां कार्रवाई की जाए। शिकायत मिली थी एनएचआई की पेमेंट में गड़बड़ियां है। मौके पर संदिग्ध पत्रावलियां पाई गई है। तीन कर्मचारी संदिग्ध पाए गए हैं जिसमें संतोष तिवारी, हिमांशु, अनिल और बेसिक शिक्षा विभाग के राहुल सिंह मुख्य रूप से संदिग्ध मिले हैं। सभी को कार्यालय में हाजिर होने के लिए कहा गया है। अमीन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कलेक्ट्रेट में अटैच किया जा रहा है। संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त की जा रही है। शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को नोटिस दी जाएगी। कुछ फर्जी फाइलें पाई गई है, उससे संबंधित लोगों को भी बुलाया गया है। अभी पूरे मामले में गहनता से जांच की जा रही है। यह लोग सामूहिक रूप से मिलकर ऐसा काम कर रहे थे लेकिन एक दूसरे से मनमुटाव के कारण पोल खुल गया।
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