बैंक मैनेजर ने साथियों के साथ मिलकर की रिटायर्ड बैंक मैनेजर की हत्या, पूरा मामला जानकर रह जायेंगे दंग | CRIME JUNCTION बैंक मैनेजर ने साथियों के साथ मिलकर की रिटायर्ड बैंक मैनेजर की हत्या, पूरा मामला जानकर रह जायेंगे दंग
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बैंक मैनेजर ने साथियों के साथ मिलकर की रिटायर्ड बैंक मैनेजर की हत्या, पूरा मामला जानकर रह जायेंगे दंग

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उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद पुलिस ने रिटायर्ड बैंक मैनेजर के हत्या का खुलासा करते हुए एक महिला सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने पुलिस के पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारी दी है। बैंक मैनेजर की हत्या करने के लिए आरोपी ने महिला को मोहरा बनाया है।

क्या है पूरा मामला 

बता दें कि 18 अगस्त को मुरादाबाद जनपद के मझोला थाना क्षेत्र अंतर्गत कृष्णा कावेरी पार्क के रहने वाले हर्षित चौधरी पुत्र वीर सिंह स्थानीय पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि अज्ञात आरोपियों ने उनके पिता रिटायर्ड बैंक मैनेजर वीर सिंह की हत्या करके शव छुपा दिया है। उनके मोबाइल भी तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दी गई है। हत्या के बाद आरोपी मोटरसाइकिल को छोड़कर भाग गए हैं। विवेचना के दौरान पुलिस ने रिटायर्ड मैनेजर की हत्या में तीन लोगों को संलिप्त पाते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने हैरान करने वाली बात बताई है।

बैंक मैनेजर ने की हत्या

पूछताछ करने पर आरोपी मनोज ने बताया कि वह, वीर सिंह (रिटायर्ड बैंक मैनेजर) को पहले से जानता था, दोनों के मधुर सम्बन्ध थे, घर पर आना जाना भी था। आरोपी मनोज कुमार वर्तमान में प्रथमा यू०पी० ग्रामीण बैंक शाखा पवसरा जिला अमरोहा में मैनेजर के पद पर तैनात है, ड्यूटी के लिए अपने घर से अपनी कार ई-10 ग्रान्ड से आता जाता था। मृतक व आरोपी मनोज दोनों एक ही विभाग में होने के कारण दोनों की पोस्टिंग एक साथ भी रही है। 

रिश्वत का विरोध

5 वर्ष पहले मृतक वीर सिंह रिटायर्ड हो गये थे। उनके जानने वाले काफी लोग थे, वह लोग बैंक में लोन के लिये जाते थे, तो मनोज कुमार उनसे लोन कराने के लिये रुपये मांगता था, वीर सिंह इसका विरोध करते थे। मनोज कुमार के न मानने पर विभाग के अधिकारियों की शिकायत की थी। इसी कारण आरोपी मनोज कुमार मृतक वीर सिंह से काफी परेशान था और मृतक वीर सिंह को रास्ते से हटाना चाहता था।

महिला सहित दोस्त को बनाया मोहरा

 घटना को अंजाम देने के लिए मनोज ने अपने साथी आरोपी महिला वीरवाला यादव व अनिल कुमार (कार मिस्त्री) के साथ मिलकर मृतक वीर सिंह को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। 

महिला की बनाई नजदीकियां

मनोज ने ही वीरवाला की जान पहचान मृतक वीर सिंह से कराई थी। वीरवाला व वीर सिंह आपस में फोन पर वार्ता करने लगे।

कई बार बनाई हत्या की योजना

 मनोज ने अपनी दुश्मनी पूरा करने के लिये वीरवाला यादव को जरिया बनाकर, मृतक वीर सिंह को पहले भी पांच से छह बार मारने की योजना बनाई थी, लेकिन मनोज कुमार के निर्धारित की गई जगह पर वीरवाला उसको नहीं ले जा पाई, इसलिए योजना सफल नहीं हो सकी।

16 अगस्त को बनी योजना

 16 अगस्त को चिन्हित किए गए स्थान पर वीरवाला, मृतक वीर सिंह को एम०डी०ए० ऑफिस के सामने मिली, मोटरसाइकिल पर बैठकर वीर सिंह को पाकबड़ा अंडरपास से पहले संकरे रास्ते से होकर एनएच 24 पर ले गई। 

मैनेजर और मिस्त्री ने किया पीछा

मनोज कुमार अपने साथी अनिल कुमार गुप्ता के साथ कार से बाइक का पीछा कर रहे थे, वीरवाला व वीर सिंह पर नजर बनाए हुए थे। रामपुर की तरफ एनएच-24 पर आगे चलकर वीरवाला व वीर सिंह रुककर आपस में बात कर रहे थे, तभी मनोज कुमार कार लेकर आ गया और वीर सिंह को पेड़ों की आड़ में ले जाकर मनोज कुमार उनसे बाते करने लगा, वहां आपस में कहासुनी हुई तो तीनों ने मिलकर मृतक वीर सिंह को गाडी की पिछली सीट पर डाल लिया। 

गला दबाकर की हत्या

आरोपी मनोज कुमार व अनिल उर्फ बबलू दोनों ने मिलकर रात्रि 9.50 बजे मिलकर मृतक वीर सिंह का गला दबा दिया, इस दौरान आरोपी महिला वीरवाला ने मृतक के हाथ पकड़े थे, उसके बाद वीर सिंह लम्बी-लम्बी सांस भरने लगा तो मनोज कुमार व अनिल उर्फ बबलू दोनों ने गाडी में पड़ी काले रंग की रस्सी से मृतक वीर सिंह का गला दबाकर उसके दोनों हाथ बांध कर उसको पीछे वाली सीट पर डाल दिया।

कार में रखकर ठिकाने लगाया शव

कार को मनोज कुमार स्वयं चला रहा था। वीरवाला अगली सीट पर बैठी थी, मृतक की बाइक अनिल गुप्ता चला रहा था। जब वीरवाला घबराने लगी तो मनोज कुमार अपनी कार को वापस पाकबडा लाया और टी०एम०यू० कट से गाड़ी को मोड़कर वीरवाला को पाकबड़ा उतारकर एनएच 24 रामपुर की ओर गाड़ी लेकर चलने लगा, अनिल गुप्ता उर्फ बबलु मृतक की बाइक लेकर कार के पीछे पीछे चल रहा था। रामपुर बाईपास जीरो प्वाइंट से आगे कट से पुनः पाकबड़ा की ओर मनोज कुमार द्वारा गाड़ी को मोड़ लिया और चंदौसी कट संभल रोड पर मुड़कर गाड़ी रोक दी, दोनों ने मिलकर मृतक वीर सिंह के शव को गाडी से नीचे डाल दिया। मृतक की बाइक वही छोड़ दी, और मोबाईल फोन तोड़ दिया। 

वसीयत का कागजात झाड़ियों में फेंका

 दोनों कार में बैठकर कुंदरकी डीगंरपुर पाकबडा की और चले गये। डींगरपुर से आगे पाकबड़ा रोड पर मृतक वीर सिंह की एक पन्नी जिसमें वसीयत के कागज रखे थे एवं गला दबाने वाली रस्सी वही झाड़ियों में फेंक दी थी। 

आरोपियों से बरामद

 पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर इनकी निशानदेही से मृतक वीर सिंह के पर्स का सामान आधार कार्ड, डेबिट कार्ड SBI, ब्लैंक चेक, घटना में प्रयुक्त कार, आलाकत्ल 1 रस्सी व वसीयत के कागजात बरामद किया है।

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