अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी के खिलाफ विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों का अक्रोश बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को सीएमओ कार्यालय के विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने सीएमओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए काम काज ठप कर धरने पर बैठ गए। अधिकारियों व कर्मियों की मांग थी कि जब तक सीएमओ को हटाया नहीं जाएगा तब तक वे लोग अपना आंदोलन जारी रखेंगे। घटना की सूचना पाकर देवीपाटन मंडल के अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ जयंत कुमार सीएमओ कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों से वार्ता की गई है। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
सीएमओ मुकेश कुमार रस्तोगी के कार्यशैली को लेकर उनके ही अधिकारी व कर्मी पिछले चार दिनों से आंदोलनरत हैं। मंगलवार सुबह कार्यालय खुलते ही अपर सीएमओ डॉ एसके श्रीवास्तव व डॉ बीपी सिंह के नेतृत्व में कार्यालय व सीएचसी के दर्जनों कर्मी धरने पर बैठ गए। सीएमओ अधिकारियों व कर्मियों की मान मनव्वल करते रहे, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। मामले की गंभीरता को देखते हुए सूचना पाकर देवीपाटन मंडल गोंडा के अपर निदेशक डॉ जयंत कुमार सीएमओ कार्यालय पहुंच गए। जिसके बाद कर्मी धरने को समाप्त कर काम पर लौटे। धरने पर बैठे अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ एसके श्रीवास्तव ने बताया कि सीएमओ की कार्य प्रणाली व उन सबसे साथ अमर्यादित व्यवहार के कारण काम करना मुश्किल हो रहा है। कहा कि वह लगातार विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों का मनोबल गिराने का प्रयास कर रहे हैं। जिसके कारण कई योजनाओं में जनपद की प्रगति धीमी हो गई है। एसीएमओ डॉ बीपी सिंह ने कहा कि अधिकारियों व कर्मचारियों को धमकाकर सीएमओ उनका डीओ लिख रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धरने पर बैठे कर्मियों ने कहा कि बिना औचित्य के 15 से 20 दिनों तक का वेतन कटौती कर सीएमओ उनके देयकों को बेवजह रोक दिए हैं। जिले के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर लॉजिस्टिक का भारी अभाव है। इससे सम्बन्धित फाइलों को लटकाए रहते हैं, जिसके कारण चिकित्साधिकारियों व पैरामेडिकल स्टॉफ को आम जनमानस को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने आरोप लगाया कि शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के बावजूद पिछले वित्तीय वर्ष में कराए गए कार्यों का कमिटेड भुगतान उनके द्वारा नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा लोगों ने कई गंभीर आरोप लगाया है। धरने पर बैठने वालों में जिला स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी अरविंद मिश्र, डॉ श्याम जी श्रीवास्तव, दिलीप मौर्या, पवन पाण्डेय, सीएमओ के स्टोनो अमित चौधरी, प्रभात कुमार मौर्या, राम शंकर मिश्र, मृगांक वर्मा, आयुष्मान भारत के डॉ आलोक चौधरी, हरियानंद, वीरेन्द्र श्रीवास्तव व विनोद त्रिपाठी सहित भारी संख्या में कर्मी मौजूद थे।
आरोप
चीफ फर्मासिस्ट का आरोप, बगैर खरीद के सीएमओ मांग रहे बिल व बाउचर
सीएमओ कार्यालय के स्टोर में तैनात चीफ फार्मासिस्ट अखिलेश कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि सीएमओ बगैर खरीदारी के उनके ऊपर बिल व बाउचर देने का दबाव बना रहे हैं। उनकी नौकरी कुछ ही दिन शेष बची है, ऐसे में वह गलत काम नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि सीएमओ के मनमाफिक काम न करने के कारण वह धमकी दे रहे हैं। दूसरे चीफ फार्मासिस्ट केके मालवीय ने सीएमओ पर गंभीर आरोप लगाया है। कहा कि पूरा स्टोर खाली हो गया है। दवाओं का अकाल है। सीएमओ सभी फाइलों को लम्बित कर दे रहे हैं। दवाएं व ग्लब्स सहित अन्य चीजें न होने के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सीएचओ भी सीएमओ के खिलाफ हुए लामबंद
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी भी सीएमओ के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। सीएमओ कार्यालय पर पहुंचे करीब तीन दर्जन से अधिक सीएचओ ने सीएमओ पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि सीएमओ उन सभी की प्रोत्साहन राशि को पिछले 31 मार्च से रोक रखी है। हस्ताक्षर न करने के कारण उन लोगों को यह धनराशि नहीं मिल पा रही है। कई सीएचओ ने यह भी आरोप लगाया कि सीएमओ उन सबके ऊपर अनुचित दबाव बनाते हैं। सीएचओ ने यह भी आरोप लगाया कि कई लोग सीएमओ की पताड़ना से नौकरी भी छोड़ चुके हैं।
एडी हेल्थ बोले
बेहद गंभीर मामला है। सीएमओ में धरना प्रदर्शन की सूचना पाकर मैं स्वयं स्थल पर पहुंच गया। दोनों पक्षों से वार्ता की गई है। सभी की शिकायतें सुनीं गई हैं। इस सन्दर्भ में उच्चाधिकारियों से भी वार्ता हुई है। सम्पूर्ण प्रकरण को लेकर जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
डॉ जयंत कुमार, अपर निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देवीपाटन मंडल गोण्डा
सीएमओ बोले
कुछ लोगों के विरुद्ध मैनें कार्रवाई की थी। जो लोग जानबूझकर मेरे खिलाफ षडयंत्र रच रहे हैं। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार हैं।
डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी, सीएमओ बलरामपुर
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