अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के थाना गौरा चौराहा क्षेत्र में मेडिकल की दुकान की आड़ में अवैध रूप से संचालित अस्पताल में गुरुवार को जच्चा बच्चा की मौत के बाद मामला गरमा गया है । शिकायत को देखते हए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा त्वरित करवाई की गई, जिसके आधार पर अस्पताल को सीज कर संचालक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है ।
01 अगस्त को विकास खण्ड बलरामपुर के गौरा चौराहा उतरौला रोड पर अवैध रूप से संचालित अपंजीकृत अस्पताल यादव मेडिकल हाल सर्जिकल के संचालक प्रेम कुमार यादव पुत्र राम तीरथ यादव नौबस्ता मुडिला जनपद बलरामपुर द्वारा गलत तरीके से इलाज किए जाने के उपरांत सुषमा उर्फ कुसम उम्र लगभग 32 वर्ष पत्नी मनोज यादव उर्फ भोला निवासी ग्राम चौखड़ा गौरा चौराहा जनपद बलरामपुर की (जच्चा एवं बच्चा) की मृत्यु होने की सूचना प्राप्त होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी द्वारा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक छह (06) सदस्य टीम का गठन कर जांच कर आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया । जांच टीम के सदस्य प्रभारी चिकित्सा अधिकारी पीएचसी बलरामपुर डॉ जावेद अख्तर, राजेश कुमार पाण्डेय जिला मलेरिया अधिकारी, अरविंद मिश्रा स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, शिवेंद्र मणि त्रिपाठी डीपीएम , हरियानंद सिंह वरिष्ठ सहायक शामिल थे । जांच टीम मौके पर जाकर देखा तो पाया कि यादव मेडिकल हाल में सर्जिकल कार्य का संचालक मेडिकल स्टोर की आंड में दो कमरों में अस्पताल चला रहा था। टीम द्वारा जांच किया गया तो अस्पताल अवैध रूप संचालित किया जा रहा था। तदुपरांत पुलिस की मौजूदगी में अस्पताल को सील कर, प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने की सूचना थानाध्यक्ष गौरा चौराहा प्राप्त करा दिया गया है। एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है।
जिले भर के ग्रामीण क्षेत्रों तथा कस्बों में सैंकड़ों मेडिकल स्टोर है जिनकी आड में सर्जिकल अस्पताल संचालित हो रहे हैं । तो क्या स्वास्थ्य विभाग सभी जगह मौत का इंतजार कर रहा है ? ऐसे अवैध अस्पतालों पर करवाई क्यों नहीं हो पा रही है ? यह बड़ा सवाल है जो शासन प्रशासन तथा जिम्मेदार विभाग से आम जनता जानना चाहती है ।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ