वायरल वीडियो
कई पीड़ित मरीजों ने बताया कि बगैर पैसा दिए गोंडा में बेहतर इलाज की उम्मीद है नामुमकिन।
पं बीके तिवारी
गोंडा।सरकार जहां एक तरफ निशुल्क इलाज के साथ हर एक जरूरतमंदों के लिए समर्पित होकर स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार में लगी हुई है।वहीं दूसरी तरफ जनपद गोंडा के मेडिकल कॉलेज में रिश्वतखोरी चरम पर चल रही है। बहरहाल रिश्वतखोरी का यह कोई नया मामला नहीं है, इसके पहले भी कई बार फोटो वीडियो अस्पताल के स्टाफ द्वारा पैसे लेते हुए वायरल हो चुके हैं। जिसमें जांच के नाम पर कार्यवाही ठंडा बस्ती में चली गई।लेकिन आज फिर मेडिकल कॉलेज में दवा कराने गए एक मरीज के साथ तीमारदार से स्टाफ नर्स ने चाय पानी के लिए पैसे मांगे तो उन्होंने जब 50 रूपये देने की कोशिश की तो स्टाफ नर्स द्वारा तुरंत मना कर दिया गया। और ₹500 ले लिया गया। स्टाफ नर्स द्वारा रुपए लेकर इलाज शुरू होता उसके पहले ही बगल में ही खड़े एक युवक द्वारा जब रिश्वत लेते हुए स्टाफ नर्स का मौके पर मेडिकल कॉलेज में ही वीडियो बनाया जाने लगा, तो स्टाफ नर्स द्वारा बार-बार कहा जा रहा है कि तुम हो कौन हो आखिर क्यों वीडियो बना रहे हो।चाय पानी के लिए पैसे लेने का मेरा अधिकार है। अब यहां प्रश्न यह उठता है कि क्या सरकार द्वारा दिए जा रहे वेतन से अस्पताल के कर्मियों की आवश्यकता पूर्ति नहीं होती है। मरीज व तीमारदार से वसूल कर ही क्या उनकी रोजमर्रा की ज़रूरतें पूरी होती हैं।ऐसे कई अनसुलझे प्रश्न वायरल वीडियो से खड़े हो रहे हैं।बताते चले कि विगत दिनों कई बार जिला अस्पताल सहित मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा रिश्वत लेने के वीडियो फोटो वायरल हो चुका है।लेकिन कार्यवाही अब तक शून्य रही। और अब इस वायरल वीडियो पर विभाग कार्यवाही करेगा या फिर जांच ठंडे बस्ते में जाएगी। वॉयरल वीडियो और रिश्वत के संबंध में जब गोंडा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर धनंजय स्थाना से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह स्टाफ नर्स मेरे यहां की स्टाफ है।और वायरल वीडियो संज्ञान में आई है।जांच करके कार्यवाही के लिए लिखा गया है,जांच हो रही है शीघ्र ही इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी।दूसरे प्रश्न के जवाब में जब पूछा गया कि इसके पहले भी कई बार रिश्वत लेते वीडियो फोटो वायरल हुई है क्या उन पर भी कोई कार्यवाही हुई, तो प्रिंसिपल ने बताया कि इसके पहले भी जो फोटो वीडियो वायरल हुए थे रिश्वत लेते स्टाफ के उनके विरुद्ध कार्यवाही हो चुकी है।और यह गलत है,अगर मेडिकल कॉलेज में कोई स्टाफ ऐसा पेश आता है,तो सख्त कार्यवाही की जाएगी।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ