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बाघ सरंक्षण प्रकृति संतुलन के लिये आवश्यक:वनक्षेत्राधिकारी



आनंद गुप्ता 

पलियाकलां(खीरी)जिला पंचायत बालिका इंटर कालेज में 15वां विश्व बाघ दिवस भव्यता के साथ मनाया गया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि पलिया वनक्षेत्राधिकारी विनय कुमार ने कहा कि बाघ सरंक्षण प्रकृति संतुलन के लिये आवश्यक है।इसके लिये जनजागरण बहुत आवश्यक है।उन्होंने कहा कि 29जुलाई2010 को विश्व के 13 देशों ने बाघ सरंक्षण के लिये सामूहिक  प्रतिबद्धता दिखाई थी।प्रधानाचार्य कृष्ण अवतार भाटी ने कहा कि 1972 में वन्यजीव सरंक्षण अधिनियम के तहत बाघ के शिकार पर पूर्ण रूपेण प्रतिबंध लगा।जिससे बाघ सरंक्षण की दिशा में सार्थक व उत्साहजनक परिणाम देखने को मिले।परन्तु आज भी कुछ अराजक लोग निजी हित के लिये बाघों का अवैध रूप से शिकार करते हैं।बाघों का सरंक्षण हम सबका का ही दायित्व है।इस अवसर पर विश्व बाघ दिवस पर बाघ संरक्षण विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।जिसमें जान्हवी,निशि राठौर व गुनगुन ने क्रमश प्रथम,द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किये।जिन्हें वन विभाग द्वारा पुरुस्कार देकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय की नोडल अधिकारी आकृति गुप्ता ने किया।इस अवसर पर वन विभाग से वन दरोगा शिवबाबू सरोज,सोनू भारती, मोन,रमाकांत मिश्र व विद्यालय की तरफ से माया वर्मा,निहाल सहित अन्य लोगों की उपस्थिति रही।

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