उत्तर प्रदेश के बहराइच में सहायक अध्यापक की हत्या के 10वें दिन पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया है, भाई को भाई से हिसाब मांगना महंगा पड़ा था, भाई ने अपने साथियों के साथ मिलकर सहायक अध्यापक भाई की हत्या की थी। मामले में पुलिस ने मृतक के छोटे भाई सहित तीन लोगों को आलकत्ल गिरफ्तार किया है।
क्या है मामला
मिली जानकारी के मुताबिक 8 जुलाई को कैसरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत कोनारी गांव के रहने वाले सहायक अध्यापक श्याम सिंह उर्फ शिवम सिंह के खेत के पूरब नहर के पास खून से लथपथ शव मिला था। मामले में मृतक के छोटे भाई दिवाकर सिंह पुत्र स्वर्गीय विजय प्रताप सिंह ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज करने के उपरांत पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई थी।
शिकायत पत्र में कहानी
पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में मृतक के भाई दिवाकर सिंह ने पुलिस को गुमराह करने के लिए कहानी बनाते हुए तहरीर दिया कि अपने भाई श्याम सिंह के साथ शाम को गांव से गोदाम आया था। जहां से भाई पैदल खेत की तरफ चले गए थे। कुछ देर बाद फोन से बात हुई तब उन्होंने बताया कि कुछ देर में घर आ जाएंगे। उनके लौटने में देर हुई तब फोन किया गया, उनका फोन नहीं उठा, तब उन्हें खोजने का प्रयास किया गया, तलाश के दौरान नहर के किनारे मोबाइल मिला, जिससे 50 मीटर दूर खून से लथपथ शव मिला।
टीम गठित
मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने मामले के खुलासे के लिए टीमों का गठन करके जल्द से जल्द पर्दाफाश करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए निर्देशित किया। सर्विलांस टीम, कैसरगंज पुलिस की संयुक्त टीम ने साक्ष्य संकलन के दौरान चौंकाने वाले तथ्य प्रकाश में आए। इसके बाद पुलिस ने मृतक के भाई दिवाकर सिंह को संदेह के दायरे में लेते हुए हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की।
रुपए का हिसाब मांगने के लिए भाई की हत्या
पुलिस के पूछताछ में मृतक के भाई दिवाकर ने बताया कि 35 लाख रुपए मकान बनवाने व 20 लाख रुपए शेयर मार्केट में लगा दिए थे। जिसका बड़े भाई द्वारा हिसाब मांगा जाता था, इसीलिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हत्या कर दी।
हत्या करने के लिए ऐसा षडयंत्र
आरोपी ने पुलिस को बताया कि अपने चालक राज नारायण व उसके चचेरे भाई रूपनारायण को 5 लाख रुपए देने का लालच देकर, बड़े भाई की हत्या करने में सहयोग के लिए तैयार किया था।
भागा आरोपी
भाई की हत्या करने से एक दिन पहले घटना स्थल पर दोनों सहयोगी को ले जाकर के दिखाया कि यहीं पर घटना को अंजाम देना है, मामले से खौफ खाकर रूपनारायण वहां से भाग निकला। लेकिन दिवाकर ने रूपनारायण को घटना वाले दिन शाम 4:00 बजे कैसरगंज में बुलाया।
हत्या से पूर्व की तैयारी
आरोपी राज नारायण ने सुप्रो गाड़ी में रूपनारायण को लेकर सुनारी गांव की ओर चला गया, बुलाकी पूर्व गैस गोदाम के पास गाड़ी में गाड़ी खड़ी करके छुपा दी। मृतक का भाई दिवाकर, राज नारायण और रूपनारायण इकट्ठा हुए, दिवाकर ने दोनों आरोपियों को झाड़ियों की आड़ में हथियार देकर छुपा दिया। इसके बाद सहायक अध्यापक के आने का इंतजार करने लगे।
पूर्वनियोजित तरीके से हत्या
सहायक अध्यापक अपना खेत देखकर वापस लौट रहा था, मौके पर पहुंचते ही राज नारायण व रूप नारायण ने सहायक अध्यापक के पीछे से हमला कर दिया। राज नारायण ने सहायक अध्यापक के सिर पर बांके से कई बार हमला किया। तब रूपनारायण ने शिक्षक का पैर खींचकर गिरा दिया। शिक्षक पर लगातार प्रहार किया जाने लगा तभी शिक्षक के छोटे भाई दिवाकर सिंह ने अपनी जेब से मैट काटने वाली रेजर निकाली, भाई का गला काटकर हत्या कर दी।
छुपा दिया शव
शिक्षक की मौत के बाद तीनों आरोपियों ने मिलकर शिक्षक के शव को नहर पटरी के किनारे झाड़ियां में छुपा दिया। नहर में हाथ धोकर मौके से भाग निकले।
आरोपी गिरफ्तार
कैसरगंज संयुक्त टीम ने कोनारी गांव के रहने वाले आरोपी दिवाकर सिंह, हरदी थाना क्षेत्र के बीरशाहपुर गांव के रहने वाले चचेरे भाई राज नारायण पुत्र हरीश द्विवेदी और रूप नारायण पुत्र सर्वजीत द्विवेदी को शुक्रवार के दोपहर बढ़ौली पड़ाव से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के निशानदेही पर आलाकत्ल, बांका, पाना, मैट कटर ब्लेड खून से रंगे कपड़े बरामद कर लिया है।
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