उत्तर प्रदेश के मानसून सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, पंचायत सहायकों के मानदेय को लेकर चर्चा किया।
उत्तर प्रदेश के मानसून सत्र का आज मंगलवार को दूसरा दिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक थी, उस दौरान रसोइयों को₹500 से कम मानदेय मिलता था। 372000 रसोईया के साथ अन्याय हुआ कि जिनके बच्चे नहीं पढ़ेंगे उनको सेवा से हटा दिया जाएगा। रसोइयों का मनमर्जी से चयन होता था कोई मेरिट नहीं होती थी। हमारी सरकार ने सुनिश्चित किया वर्ष 2022 में उनके मानदेय को बढ़ाकर न्यूनतम ₹2000 तक किया है। समाजवादी पार्टी के समय में यह पैसा 500 रुपए से भी कम मिलता था। उसमें भी चयन में भेदभाव होता था। आंगनबाड़ी और रसोइयों बेहतरीन सेवा कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उनकी तारीफ करूंगा क्योंकि कोरोना काल के दौरान शासन की योजनाओं को प्रत्येक घरों तक पहुंचाने के लिए अभिनंदनिय कार्य किया। यही कारण है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और आंगनबाड़ी सहायिका के मानदेय में बढ़ोतरी भी की है, इनको टैबलेट से आच्छादित भी किया है। इसके अतिरिक्त मानदेय मिलने के लिए भी प्रावधान किया गया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत सचिवालय का निर्माण किया है। जिसका उद्देश्य यह है कि गांव को ही स्वावलंबी बनाकर के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के परिकल्पना को साकार कर सके। वहां पर कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में पंचायत सहायक रखा गया है। बीसी सखी रखी गई है। बैंक की कॉरेस्पोंडेंस सखी गांव के अंदर वित्तीय लेनदेन का काम करती है। हमने 6 महीने के लिए उन्हें एक निश्चित मानदेय के लिए जोड़ा लेकिन जब बैंक से उनका कमीशन बन गया तब वह अपना पैसा कमाने लगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुल्तानपुर की एक ई सखी अब तक साढ़े 15 लाख रुपए से अधिक कमीशन कमा चुकी है। पंचायत सहायकों को हम 6000 रुपए प्रति माह देते हैं। वह गांव में 6 हजार रुपए फिक्स वेतन प्राप्त करता है। पंचायत सहायक जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और खेतौनी के साथ अन्य ऑनलाइन सेवाओं की जितनी भी सर्विस देता है प्रति सर्विस उसे ₹5 अतिरिक्त प्राप्त होता है। काम करने वाले व्यक्ति को बेहतरीन इंसेंटिव मिल जाता है। जो उसके मानदेय से बेहतरीन पैकेज होता है। कार्य के साथ-साथ हम उनके जवाब देगी तय करते हैं तो वह जनता को बेहतरीन सेवा दे पाएंगे। आंगनबाड़ी के साथ भी ऐसी व्यवस्था देंगे कि उनका भी इंसेंटिव पैकेज हो सके। समय आने पर जब इसके बारे में आवश्यक होगा तब अवश्य ही विचार करेंगे कि जिन लोगों ने बेहतरीन मानदेय और पैकेज प्राप्त हो।
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