डेस्क:प्रेम प्रसंग के मामले में अक्सर देखने को मिलता है कि प्रेमी संग भागने वाली महिला घर से नगदी व जेवर लेकर फरार होती है, लेकिन उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में एक हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है। जहां 11 महिलाएं भारत सरकार के द्वारा घर निर्माण के लिए दी जाने वाली रकम (प्रधानमंत्री आवास योजना) की पहली किस्त लेकर अपने अपने प्रेमी संग फरार हो गई हैं। ऐसे में महिलाओं के पति तनाव में आ गए हैं। उन्हें जहां उनकी पत्नी के जाने का दुख है, वही सरकार के द्वारा मुहैया कराए गए रकम से निर्माण कार्य न करने के कारण से दी गई, रकम के रिकवरी होने का खौफ सता रहा है। हालांकि मामला अधिकारियों के संज्ञान में आते ही दूसरी किस्त रोक दी गई है।
मामला उत्तर प्रदेश के महाराजगंज अंतर्गत निचलौल ब्लॉक क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, यहां से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने वाले 11 पतियों ने ब्लॉक के अधिकारियों से प्रधानमंत्री आवास की दूसरे किस्त पर रोक लगाने की गुहार लगाई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारी मामले की जांच पड़ताल करने में जुटे हुए है। लेकिन रिकवरी के खौफ से पतियों की सांस फूल रही है।
चयनित हुए थे 2350 लाभार्थी
प्राप्त जानकारी के अनुसार महाराजगंज जनपद के निचलौल ब्लॉक के अंतर्गत 108 गांव में वित्तीय वर्ष 2023 24 में 2350 लाभार्थी चयनित हुए थे। जिसमें ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों के आवास का निर्माण कर पूरा हो चुका है, लेकिन 5% लाभार्थी मकान बनवा पाने में वंचित रह गए हैं।
बताते चलें कि प्रधानमंत्री आवास योजना में महिलाएं मुख्य रूप से लाभार्थी हैं, महिलाओं के खाते में आवास योजना का रुपया प्राप्त होता है।
इस गांव की महिलाए हुई फरार
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निचलौल ब्लॉक के अंतर्गत रामनगर, बकुलडीहा, किशनपुर, खेसहरा, चटिया, शीतलपुर, मेधौली और ठूठीबारी गांव की रहने वाली 11 महिलाएं प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त आते ही अपने पतियों को छोड़कर किस्त की रकम लेकर प्रेमी संग फरार हो गई।
कितनी थी पहली किस्त
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए पहली किस्त की रकम 40 हजार रुपए दी जाती है। यही पहले किस्त आते ही 11 पत्नियों ने अपने-अपने पतियों को धोखा दे दिया।
पतियों पर चौतरफा दुख
पत्नियों के फरार होने से पतियों को चारो तरफ से दुख सता रहा है, तमाम कोशिशें और लंबी प्रतीक्षा के बाद उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला था। जिससे उनके पक्के घर का सपना पूरा होने वाला था, लेकिन पत्नियों के फरार हो जाने से उनके पक्के मकान का सपना अधूरा रह जाएगा। उनके घर में खुशियां आने से पहले ही उजड़ गई। पत्नियों के जाने के दुख के साथ उन्हें रिकवरी होने का भी डर बना हुआ है। योजना की पहली किस्त लेकर काम न करने से उन्हें डर है कि सरकार के द्वारा रिकवरी की जाएगी, जो उन्हें भुगतना पड़ेगा।
क्या कहते हैं विभागीय अधिकारी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खंड विकास अधिकारी शमा सिंह ने कहा कि ऐसी 11 महिलाओं को चिन्हित कर लिया गया है, मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है। उच्च अधिकारियों की दिशा निर्देश अनुसार आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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