डेस्क: परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत एक दिवसीय जैविक किसान मेला एवं प्राकृतिक खेती विषयक कार्यशाला शनिवार को आचार्य नरेंद्र कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या में संपन्न हुई । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आचार्य देवव्रत महामहिम राज्यपाल गुजरात ने कृषि रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग को जैव विविधता के लिए खतरा बताया। उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आवाह्न किया । माननीय सूर्य प्रताप शाही मंत्री कृषि एवं कृषि शिक्षा अनुसंधान उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि जैविक एवं प्राकृतिक खेती के लिए कृषि विभाग, कृषि विश्वविद्यालयों व कृषकों को सरकार द्वारा पर्याप्त धन उपलब्ध कराया गया है। डॉ. बिजेंद्र सिंह कुलपति कृषि विश्वविद्यालय ने बताया कि पूर्वांचल के 25 जनपदों में कृषि विज्ञान केंद्र कार्य कर रहे हैं । किसान भाई कृषि विज्ञान केंद्र एवं कृषि विश्वविद्यालय से समन्वय स्थापित कर प्राकृतिक खेती एवं जैविक खेती अपनाएं। कृषि प्रदर्शनी में गोनार्ड कृषक उत्पादक संगठन के रविशंकर सिंह ने मोटे अनाजों सहित गेहूं की देशी प्रजातियों बंशी, खपली, सोना मोती आदि शिवकुमार मौर्य वीआर समग्र जलवायु फल एवं औषधि संस्थान रायपुर वजीरगंज गोंडा ने सहजन, तुलसी, एलोवेरा आदि से बने उत्पादों का प्रदर्शन कर तकनीकी जानकारी दी। डॉ. मिथलेश कुमार पांडेय वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा के मार्गदर्शन में कृषि प्रदर्शनी में डॉ. रामलखन सिंह ने मोटे अनाजों की खेती व प्राकृतिक खेती, डा. हनुमान प्रसाद पांडेय मृदा वैज्ञानिक ने जैविक खेती की जानकारी दी। जैविक किसान मेला एवं प्राकृतिक खेती कार्यशाला में जितेंद्र कुमार तोमर निदेशक कृषि,आरके सिंह निदेशक कृषि प्रसार ब्युरो,डॉ.आरआर सिंह अपर निदेशक प्रसार, केएम सिंह वरिष्ठ प्रसार अधिकारी, डा. एके मिश्रा संयुक्त कृषि निदेशक अयोध्या सहित जनपद गोंडा के प्रगतिशील कृषकों अनिल चन्द्र पांडेय एवं राजेश कुमार वर्मा, एफ पी संचालकों जयप्रकाश तिवारी एवं राम बहादुर सिंह आदि उपस्थित रहे ।
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