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मनकापुर के स्वास्थ्य कर्मियों पर नहीं चलता किसी का जोर, कार्यवाही के बाद भी मनमर्जी चालू



गोंडा:एडी के कार्रवाई के बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर के चिकित्सकों और कर्मियों के आदतों में कोई भी बदलाव नहीं हुआ। स्वास्थ्य कर्मी मनमाने ढंग से अस्पताल में उपस्थिति दर्ज करवाते है। जिससे गोंडा सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री की मंशा भी धूलधूसित हो रही है।



बता दे कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर में तैनात स्वास्थ्य कर्मी और चिकित्सक समय से ना आकर अपनी मनमर्जी मुताबिक देर से पहुंचते है, जिससे शासन की मंशा को पलीता तो लगता ही है साथ ही परेशान हाल में आने वाले बीमारो को डॉक्टर के आने का घंटों इंतजार करना पड़ता है।

एडी की कार्यवाही बेअसर

बता दे कि बीते दोनों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर का अपर स्वास्थ्य महानिदेशक ने औचक निरीक्षण किया था, इस दौरान एक दर्जन से अधिक स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल से नदारद मिले थे, तब एडी ने अनुपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों को उपस्थिति पंजिका पर अब्सेंट बना दिया था। इसके बावजूद भी स्वास्थ्य कर्मियों के रूटीन में कोई सुधार नहीं हुआ। वह अपने मनमाने तरीके से अस्पताल में उपस्थित होकर कार्य करते हैं। 

केंद्रीय राज्य मंत्री के सपने

बता दें कि गोंडा सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सजक दिख रहे हैं। जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर में उत्तम स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मंत्री ने मुख्यमंत्री से मिलकर एक पत्र भी सौंपा है। जिसमें मनकापुर सीएचसी का उच्चीकरण करते हुए 40 सैया से 100 सैया बनाए जाने की मांग की है।



पड़ताल में किसकी मिली मौजूदगी

क्राइम जंक्शन के पड़ताल में सोमवार को सुबह 8:28 पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनकापुर के अधीक्षक डॉ एसएन सिंह, डॉ आलोक कुमार चौधरी का ओपीडी रूम खुल रहा लेकिन दोनों डॉक्टर गायब रहे, वही डॉक्टर रवीश रिजवी के कक्ष में ताला लटकता पाया गया। अस्पताल में पैथोलॉजी लैब, नेत्र, दंत सहित समस्त पटल बंद मिले। इमरजेंसी वार्ड में एक स्टाफ नर्स, एक फार्मासिस्ट, स्वीपर उपस्थित थे। पर्चा काटने का काउंटर खुला था जहां मरीज पर्चा कटवा कर डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे। 

बोले एसीएमओ

इस बाबत जानकारी लेने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सीयूजी नंबर पर संपर्क किया गया तब एसीएमओ ने बताया कि यदि ऐसा है तो मामले में कार्रवाई करते हुए एक दिन का वेतन काटा जाएगा।

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