संदीप पटेल
गोंडा:गुजरात के साबरकांठा से साइकिल पर सवार होकर भारत यात्रा पर निकले संदीप पटेल उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से होते हुए श्री अयोध्या धाम में श्री राम का दर्शन करने के उपरांत मनकापुर पहुंचे, उतरौला बलरामपुर मार्ग होते हुए नेपाल तक जाएंगे।
बता दे की शुक्रवार के दोपहर बाद गुजरात के रहने वाले संदीप पटेल साइकिल पर सवार होकर पड़ोसी देश नेपाल जाते समय मनकापुर पहुंचे। संदीप ने क्राइम जंक्शन से बात करते हुए बताया कि यह उनका छठवां साइकिल यात्रा है, इससे पूर्व भी वह भारत के अलग-अलग हिस्सों में साइकिल से भ्रमण कर चुके हैं। संदीप ने बताया कि उन्हें महाभारत के प्रथम भाग के अध्ययन से भारत भ्रमण की प्रेरणा मिली। तब से वह लगातार भारत के विभिन्न हिस्सों का भ्रमण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे वर्तमान में सरकारी कर्मचारी हैं साइकिल से यात्रा के लिए छुट्टी लेकर भ्रमण पर निकलते हैं।
संस्कृत का प्रचार
संदीप ने साइकिल से भारत भ्रमण पर निकलने का उद्देश्य बताते हुए कहा कि वह जगह-जगह लोगों से मिलते हैं, संस्कृत भाषा के पठन-पाठन के लिए जागरूक करते हैं। संदीप ने बताया कि संस्कृत एक ऐसी भाषा है, जिसमें व्याकरण और शब्दों का असीम भंडार है। संस्कृत भाषा की जानकारी प्राप्त करने के बाद व्यक्ति को किसी भी भाषा को समझने व बोलने में बहुत आसानी होती है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के प्रति जागरूक
संदीप ने बताया कि वह भ्रमण के दौरान लोगों से संस्कृत भाषा के साथ आयुर्वेद के उपयोग और उसके बारे में जानकारी देने का काम करते हैं। संदीप का मानना है कि हमारे आसपास में तमाम ऐसे वृक्ष और पेड़ पौधे लगे हुए हैं, जो औषधीय गुणों के भंडार हैं। इसके बारे में विधिवत जानकारी न होने के कारण हम एलोपैथी या अन्य चिकित्सा पद्धति पर निर्भर हो जाते हैं। इन दिनों वे आसपास में मौजूद तमाम जड़ी बूटियों के बारे में भी बताते हैं। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि मनकापुर क्षेत्र में अर्जुन के वृक्ष बहुतायत मिले हैं, अर्जुन के वृक्ष अनेकों बीमारियों में बहुत ही फायदेमंद साबित होते है।
श्री राम चरित्र मानस, महाभारत
संदीप ने बताया कि हमें अपने घरों में श्री रामचरितमानस, महाभारत की पुस्तक रखना चाहिए। श्री रामचरितमानस और महाभारत से हमें विषम परिस्थितियों में भी उनसे लड़ने और सुखमय जीवन जीने का ज्ञान प्राप्त होता है।
लोगों का मिला सहयोग
संदीप ने बताया कि साइकिल यात्रा से निकलने के बाद उन्हें रास्ते में जगह-जगह लोगों का सहयोग मिला है। यात्रा के दौरान अपनी रात गुजारने के लिए उन्होंने साइकिल पर खाने-पीने के इंतजाम के साथ सोने के लिए टेंट का भी व्यवस्था रखा है लेकिन भ्रमण काल के दौरान उन्हें अभी तक टेंट खोलने की जरूरत नहीं पड़ी। संदीप ने बताया कि रास्ते में जहां भी शाम हो जाती है लोग उनके ठहरने और खाने का इंतजाम कर देते हैं।
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