अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में 23 जुलाई को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज में ‘‘लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद‘‘ का जयंती मनाया गया । विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी सहित अध्यापक अध्यापिकाओं नें बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद जी के चित्र पर पुष्प एवं माल्यापर्ण किया। तत्पश्चात् बच्चों को बताया कि आजादी आंदोलन के दोनों स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद और बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के छोटे से गांव मंजरेगांव में हुआ था, वहीं चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के भावरा में हुआ था। ब्रिटिश शासन की नींव हिला देने वाले आजादी के आंदोलन के दोनों महानायक स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद और बाल गंगाधर तिलक की जंयती है ।
जयंती अवसर पर देश दोनों वीर सपूतो को नमन कर रहा है। बाल गंगाधर तिलक का नारा था-‘‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूगां‘‘, ‘‘धर्म और व्यावहारिक जीवन अलग नहीं है। सन्यास लेना जीवन का परित्याग करना नहीं है। असली भावना सिर्फ अपने लिए काम करने की बाजये देश को अपना परिवार बना मिलजुल कर काम करना है। इसके बाद का कदम मानवता की सेवा करना है और अगला कदम ईश्वर की सेवा करना है‘‘ । उनका कथन देशवासियों की धमनियों में लहू बनकर ऐसा दौड़ा कि उसका नतीजा आजाद भारत के तौर पर सामने आया। वहीं मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाके भाबरा में जन्में चंद्रशेखर को आजादी के संघर्ष के दौरान महज 15 वर्ष की उम्र मे जज के सामने पेश होना पड़ा तो उनके बयान ने उन्हें नया नाम दिया-‘‘मेरा नाम आजाद, मेरे पिता का नाम स्वाधीन, और मेरा घर जेल है।‘‘ ‘‘एक विमान जब तक जमीन पर है वह सुरक्षित रहेगा, लेकिन विमान जमीन पर रखने के लिए नहीं बनाया जाता, बल्कि ये हमेशा महान ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए जीवन में कुछ सार्थक जोखिम लेने के लिए बनाया जाता है‘‘। ‘‘ ऐसी जवानी किसी काम की नहीं जो अपनी मातृभूमि के काम न आ सके‘‘। ‘‘दूसरों को अपने आप से आगे बढ़ते हुए न देखो। हर दिन अपने आप के कीर्तिमान को तोड़ो, क्योंकि सफलता आपनी खुद की लड़ाई है‘‘ । इन दोनों महापुरूषों की बातें आज भी प्रासंगिक है और हमेशा रहेंगी । जयंती अवसर पर विद्यालय में कला प्रतियोगिता एवं सांस्कृति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कला प्रतियोगिता के अन्तर्गत आराध्या, आशिता, नाव्या, सबा, श्रृयांसी, अलीशा, दानिया, अभिषेक, तनमय, स्पर्श, ईशान एवं शाहवी ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया। तत्पश्चात् सांस्कृतिक कार्यक्रम में वर्णित श्रीवास्तव ने चन्द्रशेखर आजाद का एवं विराट श्रीवास्तव ने बाल गंगाधर तिलक का मूलभूत अभिनय प्रस्तुत किया। विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक एवं चंद्रशेखर आजाद जी के प्रेरणा दायक विचार को बताया। इस अवसर पर विद्यालय के उप प्रधानाचार्या प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, राघवेन्द्र त्रिपाठी सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाएं उपस्थित रहे।
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