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BALRAMPUR...बच्चों को दी गई पौधों के विषय में जानकारी



अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में 15 जुलाई को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज में विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डॉ0 एम0पी0 तिवारी एवं उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय के निर्देशन में विज्ञान की अध्यापिका किरन मिश्रा ने कक्षा-1 के छात्र-छात्राओं को एक्टिविटी के माध्यम से पौधों से प्राप्त होने वाली वस्तुओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अध्यापिका किरन मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को जानकारी दी कि पौधे ईश्वर के द्वारा दिया गया एक अद्भुत वरदान है। यह न केवल ऑक्सीजन प्रदान करके हमारी सांस लेने वाली वायु को शुद्ध करते हैं बल्कि पौधे हमें दवाएं और भोजन दोनों के लिए सामग्री देते हैं। इसके हर भाग से कुछ न कुछ अवश्य प्राप्त होता है।


आयुर्वेद में बहुत सी दवाएं पौधों की जड़ों से बनाई जाती हैं। जितनी सब्जियां हम खाते हैं जो जमीन के अंदर के हिस्से में हैं वे इन पौधों की जड़ का एक हिस्सा हैं। गाजर ए शलजम एचुकंदरए मूली एशकरकंद आदि बहुत से खाद्य पदार्थ हमें जड़ द्वारा मिलते हैं। जड़ के बाद तने का नंबर आता है। बहुत से तने खाने में इस्तेमाल होते हैं। साग के साथ जो उनकी हम मुलायम डंठल खाते हैं वह तने का हिस्सा होते हैं। गिलोय जिसका हम इस्तेमाल करते हैं उसकी डंडियां ही काम में लाई जाती हैं। पत्तियां खाई जाती हैंए यह तो हम सब जानते हैं। विभिन्न प्रकार के साग और तुलसी की पत्तियां तथा अरवी के पत्ते यह सब खाने में इस्तेमाल होते हैं। फूलों का भी उपयोग पकोड़े बनाने में होता है। कद्दू के फूल से बने पकोड़े सब को बहुत पसंद आते हैं । इसके अतिरिक्त सनाय के फूल खाने के लिए उपयोग में आते हैं। बंगाल में सहजन के फूलों से डिश बनाते हैं। गुलाब के फूल गुलकंद बनाने के काम आते हैं । गुलाब को शरबत के रूप में भी पीते हैं। पौधों में जितनी भी सब्जियां डालों में लगती हैं एवह पौधों का फल होती हैं और सभी सब्जियां खाने के ही काम आती हैं। कुछ सब्जी नाम अचार बनाकर खाई जाती है। अनाज हमें पौधों के बीज से प्राप्त होते हैं। गेहूं एचावल एदाल और मसाले जो हम रोज खाते हैं एवे पौधों के बीज ही तो हैं। वेस्ट बंगाल में केले के तने एफल और फूल सब पकाकर खाए जाते हैं । यहां तक कि केले के छिलकों की सब्जी बनाई जाती है। लौकी और तरोई के छिलके भीसब्जी बनाकर खाए जाते हैं। सेम की पत्तियों का भी सूप बनाकर पिया जाता है जो कि आंखों की रोशनी के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इस प्रकार हम अपने खानपान के लिए पौधों पर काफी हद तक निर्भर हैं। विद्यालय के कक्षा-1 छात्र-छात्राओं मे हलाता, सर्वेश, जयश, आराध्या, काव्या, चित्रांश,आजमा, अगम, आशीष, आदिश आदि बच्चों ने बहुत ही सुन्दर वृक्ष बनाया। साथ ही अपनी कक्षा अध्यापिका के समक्ष पौधों से प्राप्त होने वाली वस्तुओं के बारे में एक्टिविटी के माध्यम से सभी छात्र-छात्राओं को इसकी जानकारी दी। सभी छात्र-छात्रायें पौधे से प्राप्त होने वाली वस्तुओं को जानकर बहुत प्रभावित हुए। इस कार्यक्रम में सभी बच्चों ने प्रतिभाग किया। प्रबन्ध निदेशक डा0 तिवारी ने सभी छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए बताया कि पौधे हमारी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कई तरह की चीजें प्रदान करते, जिसमें खाने के लिए भोजन, सांस लेने के लिए हवा, शरीर ढकने के लिए कपड़े, लकड़ी, दवा, आश्रय और मान लाभ के लिए उत्पाद शामिल है। इस अवसर पर विद्यालय के उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय, कक्षा अध्यापिक किरन मिश्रा उपस्थित रहीं।

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