अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में शनिवार को राष्ट्रधारक दल के 30 सूत्री मांग का समर्थन करते हुए आर्य वीर दल ने सनातन की रक्षा के लिए जिलाधिकारी बलरामपुर के माध्यम से भारत सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया ।
27 जुलाई को आर्य वीर दल द्वारा भारत सरकार को संबोधित दिए गए मांग पत्र में भारत सरकार से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने, मतांतरण विरोधी कानून बनाने, सार्वजनिक मंच से धर्मांतरण कराने का ऐलान करने वाले बरेली के मौलाना तौकीर रजा तथा कोलकाता के मेयर फरहत हकीम के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कराने, न्यायालयों द्वारा न्याय किए जाने की समय सीमा तय करने, मंदिरों-मठ को सरकारी शोषण से मुक्त करने, 5% से अधिक आबादी समूह को अल्पसंख्यक दायरे से बाहर किए जाने, 1991 प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट, 1992 माइनॉरिटी कमिशन एक्ट, 1996 वक्फ बोर्ड अधिनियम को समाप्त किये जाने, अल्पसंख्यकों के सामान ही हिंदुओं की बेटियों को भी स्नातक पास होने पर विवाह पर ₹51000 दिये जाने, अल्पसंख्यकों के समान ही हिंदुओं के बच्चों को भी निशुल्क कोचिंग देकर आईएएस,क्षआईपीएस व जज बनने का सुनहरा अवसर दिये जाने, सनातन धर्म के प्रखर प्रहरी आचार्य खट्टर के विरुद्ध बेंगलुरु में पंजीकृत एफआईआर को निरस्त किए जाने सहित कुल 30 मांग सम्मिलित है । वेद मंत्र पाठ व दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । राष्ट्रधारक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष करण सिंह आर्य ने 30 सूत्री मांग पत्र पर विशेष प्रकाश डाला । आर्य वीर दल संरक्षक स्वामी आत्मानंद ने स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा महर्षि दयानंद के बारे में बोले गए झूठ कि "दयानंद ने रामायण और महाभारत को काल्पनिक ग्रंथ बताया है" पर आक्रोश व्यक्त करते हुये कहा कि दयानंद ने तो संस्कार विधि तथा सत्यार्थ प्रकाश के तीसरे, पांचवें, छठे तथा 11 वें समुल्लास में रामायण और महाभारत का बढ़ चढ़कर बखान किया है और सभी बच्चों को दोनों ग्रंथों को पढ़ना अनिवार्य लिखा है ।
उन्होंने आगे कहा कि जब विधर्मियों की ओर से भगवान राम और भगवान कृष्ण को अपमानित करने के लिए "सीता की छिनाला" तथा "कृष्ण तुम्हारी गीता जलानी पड़ेगी" लिखकर वितरण करना शुरू किया गया तो राम कथा के नाम पर करोड़ों रुपए कमाने वाले एक भी कथावाचक उसका जवाब नहीं दे पाए ।तब आर्य समाज के पंडित चम्मू पति ने "रंगीला रसूल" लिखकर इसका करारा जवाब दिया । रंगीला रसूल पुस्तक का प्रकाशन करने वाले आर्य समाज के प्रकाशक महाशय राजपाल की विधर्मियों ने हत्या कर दिया । इसके अतिरिक्त पंजाब में जब मिर्ज़ा गुलाम अहमद कादियानी श्रीकृष्ण पर झूठी कहानी लिख लिख करके प्रचारित करने तथा स्वयं को कृष्ण घोषित करके धर्मांतरण करने लगा तब भी एक भी पौराणिक धर्माचार्य उसका मुकाबला नहीं कर पाए बल्कि केवल आर्य समाज के पंडित लेख राम ने अपना बलिदान देकर धर्मांतरण को रोका । उन्होंने कहा कि ऐसे महर्षि दयानंद के बारे में झूठ बोलकर रामभद्राचार्य ने महा पाप किया है । आर्य समाज के विरोध को देखते हैं उन्होंने अपने युटुब चैनल से अपना विवादित वीडियो तो हटा दिया है, लेकिन एक सप्ताह के अंदर यदि रामभद्राचार्य माफी नहीं मांगे अथवा शास्त्रार्थ करने को तैयार नहीं हुए तो उनके विरुद्ध आर्य समाज का विश्व व्यापी उग्र आंदोलन शुरू हो जाएगा । आर्य वीर दल उ. प्र. के प्रचार मंत्री आर्य अशोक तिवारी ने जोरदार जागरण गीत "कैसे बने अहिंसक हम, जब हम पर चलती छूरी है । दुष्ट नहीं माने तो मित्रों हिंसा बहुत जरूरी है गीत प्रस्तुत किया । सभा को सेतु बंधु त्रिपाठी, अरुण आर्य एडवोकेट, रणेद्र त्रिपाठी एडवोकेट ने भी संबोधित किया । कार्यक्रम में आनंद तिवारी, सहज राम गिरी, दिलीप कुमार मिश्र, दिनेश कुमार मिश्र, ओमकार पांडे, सहित भारी संख्या में आर्यवीर उपस्थित रहे ।
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