पलिया भीरा रोड के साथ कटी रेल लाइन के जल्द निर्माण की उठाई मांग
नाव वालों पर लगाया अवैध वसूली का आरोप, प्रशासन से कार्रवाई की मांग
पलिया के प्रमुख कमल चौराहे पर बाढ़ प्रभावित किसान धरने पर बैठ गए
सूचना पर पहुंची तहसीलदार ने किसानों को समस्याओं के समाधान का दिया आश्वासन
एसडीएम के पास पहुंचकर किसानों ने सौंपा ज्ञापन
बाढ़ से प्रभावित ग्रामीण रोड पर रहने को हैं विवश
आनंद गुप्ता
पलियाकलां-खीरी।शारदा नदी की बाढ़ का पानी अभी भी दर्जनों गांव में भरा हुआ है। बाढ़ से प्रभावित किसानों का शनिवार को गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित किसान बड़ी संख्या में कमल चौराहे पर आ पहुंचे और धरना शुरू कर दिया। किसानों ने पलिया भीरा रोड के साथ कटी रेल लाइन पर जल्द निर्माण कार्य की मांग उठाई। किसानों का आरोप था कि जब बाढ़ के पानी से कुछ ही रेल लाइन कटी थी तो रेलवे ने वोल्डर डालने का कार्य क्यों नहीं शुरू किया। इसके अलावा किसानों ने बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग की। किसानों ने खनन को बाढ़ का मुख्य कारण करार दिया। किसानों ने नाव वालों पर अवैध वसूली का आरोप लगाया।
शारदा और सुहेली नदी की बाढ़ का पानी अभी भी दर्जनों गांवों में भरा हुआ है। पलिया निघासन रोड पर छोटे वाहनों का आवागमन शुरू कर दिया गया है। लेकिन पलिया भीरा रोड अभी की बाढ़ के पानी और पुलिया कटी होने के चलते छह दिन से बंद पड़ी हुई है। शनिवार को बड़ी संख्या में किसान पलिया के कमल चौराहे पर आ पहुंचे और धरने पर बैठ गए। आक्रोशित किसान बाढ़ से कटी रेल लाइन और पलिया भीरा रोड पर निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग करने लगे। किसानों का आरोप था कि उनके गांवों में अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है लेकिन प्रशासन की ओर से कोई भी सहायता नहीं मिली है। किसानों ने बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिलाए जाने की मांग की। इसके अलावा किसानों ने नाव वालों पर आमजन से कटान पार कराने के नाम पर अवैध वसूली का आरोप लगाया। किसानों ने खनन को बाढ़ का मुख्य कारण करार देते हुए खनन बंद कराए जाने की मांग की। सूचना पर तहसीलदार आरती यादव धरना स्थल पर जा पहुंची और किसानों को जल्द समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। इसके बाद किसान एसडीएम कार्तिकेय सिंह के पास पहुंचे और समस्याओं से संबंधित ज्ञापन उन्हें सौंपा।
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