उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में लग्जरी कार में नीली बत्ती लगाकर गाड़ी में होम मिनिस्ट्री एडिशनल डायरेक्टर लिखवा कर लोगों से धोखाधड़ी करने के लिए IAS का रुतबा ग़ालिब करने वाली महिला तीन सहयोगी आरोपियों के साथ गिरफ्तार हो गई। पुलिस ने इनके कब्जे से नीली बत्ती लगी हुई अर्टिगा कार, फर्जी कार्ड, फर्जी नियुक्त पत्र IAS और 15 हजार रुपए नगद बरामद किया है। पुलिस के पूछताछ में आरोपियों ने हैरान करने वाली बात बताई है।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के थाना कौशांबी अंतर्गत अंगीठी के रहने वाले कैफे संचालक सतीश कुमार पुत्र हेमराज सिंह ने पुलिस को शिकायती पत्र देकर फर्जी आईएएस अधिकारी के द्वारा ठगी करने का आरोप लगाया था।
क्या था आरोप
दिए गए शिकायती पत्र में कहा था कि एक महिला तीन लोगों के साथ आई थी जो खुद को आईएएस अधिकारी बताकर 2 लाख रुपए की मांग कर रही थी। मामले में स्थानीय पुलिस ने अज्ञात महिला सहित चार लोगों के खिलाफ अपराध पंजीकृत कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी।
चला चेकिंग अभियान
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कौशांबी पुलिस प्रयासरत थी, इसी दौरान मुखबिर के जरिए सूचना प्राप्त हुई कि आईएएस अधिकारी बनकर ठगी करने वाले की गाड़ी निकलने वाली है, सूचना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने तत्काल चेकिंग अभियान चला दिया। इस दौरान फर्जी आईएएस अधिकारी बताकर ठगी करने वाला गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
आरोपियों की पहचान
आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने जांच पड़ताल में पाया कि दिल्ली के विकासपुरी एफजी 01/ 20 की रहने वाली कोमल तनेजा पुत्री स्वर्गीय नरेश तनेजा, गाजियाबाद एक्सटेंशन 2, फ्लैट नंबर 2c, बिल्डिंग नंबर 40 के रहने वाले अमित कुमार पुत्र विजय कुमार, गाजियाबाद जिले के लोनी थाना अंतर्गत मेवला भट्टी के रहने वाले अमित शर्मा पुत्र रामपाल शर्मा और बागपत जनपद अंतर्गत बड़ौत थाना क्षेत्र के इदरीशपुर गांव के रहने वाले तिजारिफ पुत्र नूरुद्दीन के रूप में पहचान हुई।
पुलिस को किया गुमराह
गिरफ्तारी के बाद आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस को आरोपियों पर विश्वास नहीं हुआ। उनसे लगातार पूछताछ करती रही। इस दौरान आरोपी महिला कोमल तनेजा उत्तेजित भी हो गई। कोमल ने ऊंची आवाज में बात करते हुए पुलिस को मोबाइल में अपना नियुक्ति पत्र दिखाया। जो भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2022 सितंबर के 27 तारीख को गोविंद मोहन एडिशनल सिक्योरिटी यूटी के द्वारा जारी किया गया था।
टेक्निकल एवं मनोवैज्ञानिक विधि से पूछताछ
आरोपियों के बात पर पुलिस को विश्वास नहीं हुआ, पुलिस ने चारों आरोपियों से टेक्निकल एवं मनोवैज्ञानिक विधि से अलग अलग करके पूछताछ किया, तब आरोपियों ने बताया कि हमारा एक ग्रुप है। हम लोग रात में NCR में कैफे आदि पर लोगों को धमका कर रुपए वसूलते हैं। वहां कोमल तनेजा आईएएस अधिकारी बनी होती है। गाड़ी पर नीली लाल बत्ती लगाकर एडिशनल डायरेक्टर भारत सरकार लिखाया है, जिससे धौंस जमाने में आसानी होती है। आरोपियों ने बताया कि बीती रात अंगीठी कैफे में एक लाख रुपये की बात हुई थी, जिसमें 20 हजार रुपए तुरंत ले लिया था।
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