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122 की मौत: हाथरस के भगदड़ में मृतकों के संख्या में बढ़ोत्तरी, घायलों का इलाज जारी



उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग में हुई भगदड़ में मृतकों की संख्या अब 100 के पार बताई जा रही है। मृतकों में सबसे ज्यादा महिलाएं बताई जा रही हैं। हादसे में कई लोग घायल हुए हैं, जिनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, ऐसे में मृतकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती जा रही है।


मामले में अधिकारियों ने 116 के मौत की पुष्टि की


बता दे की मंगलवार दोपहर बाद हाथरस के फुलरई गांव में सत्संग कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मच गई, जिससे श्रद्धालुओं के कुचलने से दर्जनों श्रद्धालुओं की मौत हो गई, वहीं कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया, जिससे अस्पताल की स्थिति भयावह हो गई। मृतकों के शवों को और घायलों को टेंपो और बसों के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदराराऊ, एटा जिला अस्पताल और अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए पहुंचाया गया। मृतकों की संख्या अधिक होने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर जमीन पर शव इधर-उधर पड़े हुए दिखाई दिए। आलम यह था कि डॉक्टर भी मरने वालों का आंकड़ा नहीं बता सके। लेकिन मीडिया कर्मियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदराराऊ में पड़े शवों को गिना तो जमीन पर 95 शव दिखाई दिए।

वही एटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी उमेश त्रिपाठी ने बताया कि जिला अस्पताल में 27 शव पहुंचे हैं। जिससे यह स्पष्ट हो गया कि अब तक 122 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। 

इतने भारी मात्रा में मृतकों का शव आने के कारण शवों को ढकने के लिए चादर भी कम पड़ गई। घायलों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि इलाज करने के लिए डॉक्टरों का अभाव हो गया। मृतकों में बदायूं, हाथरस, पश्चिमी उत्तर प्रदेश जनपद के लोग बताई जा रहे हैं।

चरण रज लेने के दौरान हुआ हादसा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि सत्संग कार्यक्रम संपन्न होने के उपरांत श्रद्धालु बाबा का चरण रज लेने दौड़ पड़े। इस दौरान बाबा के पास मौजूद सेवादारों में श्रद्धालुओं को बाबा के पास पहुंचने से मना किया। इसी रोका टोकी के दौरान भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। लोग वहां से भागने लगे, जिससे लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए। जो लोग गिर गए भागने वाले लोग उनको रौंदते हुए आगे निकल गए।

मंत्री डीजीपी मौके पर

 मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी ने मृतकों के प्रति दुख व्यक्त करते हुए समुचित इलाज के लिए निर्देशित किया। मुख्यमंत्री के निर्देशन में घटना का जायजा लेने के लिए तत्काल डीजीपी, चीफ सेक्रेटरी, दो मंत्री को भेजा।

जांच टीम गठित 

मामले में उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन किया गया है। जिसकी जांच आगरा एजी और अलीगढ़ कमिश्नर के नेतृत्व में बनाई गई है।

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