ईसानगर के सेमरिया हनुमानगढ़ी पर हजारों भक्तों ने किया दर्शन
कमलेश
खमरिया-खीरी:जेठ महीने के तीसरे बड़े मंगलवार को ईसानगर क्षेत्र के सेमरिया गांव में स्थित हनुमान गढ़ी में हजारों भक्तों का सुबह से लेकर देर सायं तक तांता लगा रहा । इस दौरान करीब 25 किलोमीटर के दायरे में पूरा माहौल हनुमान भक्ति से सराबोर रहा। भक्तों की सुविधा के लिए लोगों ने जगह जगह जलपान की भी व्यवस्था की, वही दूर दराज के अलावा आसपास के गांवों के हजारों लोग भगवान श्री हनुमान जी के दर्शन कर प्रसाद ग्रहण किया।
ज्येष्ठ महीने के तीसरे मंगलवार को ईसानगर क्षेत्र के अलग अलग गावों से सेमरिया में स्थित प्राचीन हनुमान गढ़ी में हजारों भक्त पदयात्रा,निजी व प्राइवेट वाहनों से सेमरिया में स्थित ऐतिहासिक और प्राचीन हनुमान गढ़ी पहुंच कर भगवान श्री हनुमान जी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान सुबह से देर सायं तक भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती रही। वही हनुमान गढ़ी पहुंचने के बाद भक्तों ने गर्भगृह में वीर बजरंग बली का श्रृंगार कर आरती उतारी जो आकर्षण का केंद्र बनी रही।
850 साल पहले सेमरिया में हुई थी हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा
सेमरिया स्थित हनुमान गढ़ी के बारे में बताया जाता है कि 1230 ईस्वी में मल्लापुर राजघराने के राजा गंगा प्रताप सिंह के पूर्वजों ने इस मन्दिर की स्थापना कराई थी। माघ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को स्थापना के बाद से अब तक यहां 14 महंत हो चुके हैं। मौजूदा समय में यहां की बागडोर महंत रामदुलारे अवस्थी के पुत्र केशवराम व वेदप्रकाश के हांथों में है। उन्होंने बताया कि पड़ोस के गांव शेखपुर के बढ़ई मक्का के हांथों की निर्मित एक रेहल आज भी गद्दी पर है। जिसपर स्थापना की तिथि व मक्का बढ़ई का नाम भी अंकित है।मन्दिर के संग्रहालय में महंतों के पदचिह्न आज भी सुरक्षित हैं।
इसके अलावा मंदिर में स्थापित हनुमान जी की आदमकद पाषाण प्रतिमा के बाईं ओर स्थापित एक अन्य हनुमान प्रतिमा के कन्धों पर राम लक्ष्मण विराजमान हैं। वहीं दूसरी ओर दाईं तरफ शिव जी की दुर्लभ प्रतिमा है। जिनकी पालथी पर पार्वती जी व गणेश जी विराजमान हैं। इस दौरान केशव राम अवस्थी ने बताया कि सेमरिया हनुमान गढ़ी में साल में तीन बार दीपावली,रामनवमी और अक्षय नवमी को मेला लगता है। यहां प्रत्येक शनिवार को साप्ताहिक सत्संग का भी आयोजन किया जाता है।इस सिद्ध हनुमान गढ़ी में बजरंग बली के दर्शन के लिए अन्य प्रांतों से भी बड़ी संख्या में लोग हर मंगलवार को आते हैं। वही मंदिर परिसर में मौजूद भक्त संजुल मिश्र, मेवालाल, तन्मय,आध्यात्म, कौटिल्य, शिखा, गुड़िया आदि ने बताया की इस ऐतिहासिक मंदिर में दर्शन मात्र से ही लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती है। इस लिए वह सभी ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाले मंगलवार को हरसंभव दर्शन करने का प्रयास करते है।
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