डेस्क:घरवाले इंगेजमेंट की तैयारी कर रहे थे उधर सिपाही ने दरोगा के पिस्टल से गोली मार कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। हालांकि गोली मारते ही सिपाही को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद अंतर्गत हसनगंज कोतवाली में मंगलवार की सुबह अचानक गोली की आवाज सुनकर लोग चौंक पड़े। गोली चलने की आवाज सुनते ही पुलिसकर्मी भाग कर डीजी कार्यालय पहुंचे, मौके को देखकर सभी दंग रह गए। खून से लथपथ सिपाही पड़ा हुआ था। साथी सिपाहियों ने इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के उपरांत ट्रामा सेंटर लखनऊ के लिए रवाना कर दिया। इलाज के दौरान सिपाही की जीवन लीला समाप्त हो गई।
दाहिने कनपटी पर मारी गोली
बताया जाता है कि सिपाही देवांश जीडी कार्यालय में तैनात था। मंगलवार की सुबह उसका मोबाइल के जरिए भाई से बातचीत हुई थी। इस दौरान उसका भाई से बहस भी हो गया था। इसके बाद वह कार्यालय से बाहर निकल आया। थोड़ी देर बाद सिपाही ने माल खाना में रखे बक्से से पिस्टल निकाल ली, 10:15 बजे अपने दाहिने कनपटी पर गोली चला दी। सूत्र बताते हैं कि पिस्टल कोतवाली से ट्रांसफर हुए दरोगा की है। जो मालखाना में जमा करने के लिए रखा था।
20 दिन पहले ज्वाइन की थी ड्यूटी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बुलंदशहर के रहने वाले सिपाही देवांश तेवतिया वर्ष 2019 में आरक्षी के पद पर पुलिस में भर्ती हुए थे। पहली पोस्टिंग उन्हें उन्नाव में मिली थी। पुलिस लाइन से उन्हें हसनगंज थाने में तैनात किया गया था। 3 महीने पहले देवांश एक हादसे की शिकार हो गए थे, पैर में चोट होने के कारण वह इलाज के लिए घर गए थे। पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के उपरांत 20 दिन पहले देवांश ने ड्यूटी ज्वाइन किया था।
शादी की चल रही थी बात
बताया जाता है कि आरक्षी देवांश के एक बड़ा भाई और एक बड़ी बहन है। देवांश अपने माता-पिता का सबसे छोटा बेटा था। बड़े भाई और बहन का विवाह हो चुका है। हाल ही में घर वालों ने देवांश के लिए एक लड़की पसंद की थी। लेकिन देवांश ने लड़की को रिजेक्ट कर दिया था। इस बात को लेकर घर वालों से देवांश का विवाद भी हुआ था। बताया जाता है कि देवांश ने जिस लड़की को रिजेक्ट किया था घर वाले उसी लड़की से इंगेजमेंट करना चाहते थे। इसी बात को लेकर देवांश की बड़े भाई से बहस हुई थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी वजह से देवांश ने गोली मार कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी।
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