डेस्क:एंटी करप्शन टीम ने दरोगा को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। दरोगा ने एक मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाने के एवज में 20 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी।
मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मेरठ में तैनात उप निरीक्षक आशुतोष 14 माह पहले मार्च 2023 में उप निरीक्षक की नौकरी ज्वाइन की थी। महज 1 साल 2 माह में उन्हें रिश्वत लेने का जुनून सवार हो गया। चंद दिनों की नौकरी में ही भ्रष्टाचार के मामले में दबोच लिए गए।
मेरठ जिले के सरूरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत खिवाई चौकी इंचार्ज उप निरीक्षक मारपीट का मुकदमा देख रहे थे, फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए उन्होंने 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। दरोगा को एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार करने के बाद और रोहटा पुलिस में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध पंजीकृत कराया है।
शिकायतकर्ता की माने तो उसके गांव में कुछ लोगों से विवाद हुआ था। जिसमें 11 जून को मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे में एफ आर लगाने के एवज में उप निरीक्षक आशुतोष ने 20 हजार रुपए की मांग की थी, रुपए देने में असमर्थता जताने पर उन्होंने एफआर लगाने से मना कर दिया था। इसके बाद एंटी करप्शन टीम से मिलकर दरोगा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। टीम के दिशा निर्देश के अनुसार रुपए देने के लिए जब पहुंचा तो दरोगा को रिश्वत लेते हुए टीम ने गिरफ्तार कर लिया।
पीड़ित ने बताया कि उसका रिश्तेदार किसी लड़की को बहला फुसलाकर कर कहीं लेकर चला गया था, लेकिन मामले में दूसरे पक्ष में अनायास उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। बाद में एक लाख 50 हजार रुपए भी लिए, जब पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी। तब उन लोगों ने कुछ रूपया वापस कर दिया, लेकिन कुछ रुपए अभी बाकी है। इसी बात को लेकर बार-बार शिकायत दर्ज करा रहा था, जिससे नाराज होकर विपक्षियों ने मारपीट की थी। इसी मारपीट के मुकदमे में एफआर लगाने के लिए उप निरीक्षक ने रिश्वत मांगी थी।
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