डेस्क:महिला आरक्षी के साथ होटल में पाए गए डिप्टी एसपी को आरोप लगने के 3 साल बाद उनके मूल पद पर तैनाती देते हुए पीएसी में तैनात किया गया है। उन्नाव जनपद में बतौर डिप्टी एसपी कृपा शंकर मौर्य का डिमोशन करके उन्हें उनके मूल पद आरक्षी पर तैनाती करते हुए गोरखपुर पीएससी की 26 वीं बटालियन में तैनाती दी गई है।
क्या है पूरा मामला
बताते चले की वर्ष 2021 के जुलाई माह में उन्नाव जनपद के बीघापुर में क्षेत्राधिकारी के पद पर तैनात कृपा शंकर कनौजिया को सर्किल क्षेत्र में तैनात एक महिला सिपाही से इश्क हो गया था। वर्ष 2021 के 6 जुलाई को पुलिस क्षेत्राधिकारी कानपुर के एक होटल में महिला आरक्षी के साथ पाए गए थे। दरअसल वह इलाज के लिए छुट्टी लेकर ड्यूटी से निकले थे, तब उन्होंने घर आने की जानकारी पत्नी को भी उपलब्ध कराई थी, लेकिन घर पहुंचने के बजाय CO महिला आरक्षी के साथ कानपुर पहुंच गए। जहां एक होटल में कमरा लेकर दोनों ठहरे हुए थे।
फोन बंद करने से परेशान हुई पत्नी
दरअसल होटल पहुंचने के दौरान क्षेत्राधिकारी ने सरकारी फोन नंबर और अपना निजी फोन नंबर ऑफ कर दिया था। पत्नी के फोन करने पर फोन बंद मिला। तमाम प्रयासों के बाद जब पत्नी की बात नहीं हो सकी तब वह परेशान होकर उन्नाव के पुलिस अधीक्षक को फोन करके पूरी बात बताई।
जताई हत्या की आशंका
पुलिस अधीक्षक से बात करते हुए पत्नी ने बताया था कि उसके पति अपने हत्या की आशंका जताते रहते हैं, उनका मोबाइल नंबर बंद आ रहा है, इसलिए वह डर महसूस कर रही है।
ट्रेस हुआ लोकेशन
मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने तत्काल जिले की सर्विलांस टीम को पुलिस क्षेत्राधिकारी के लोकेशन की जांच सौंप दी। इस दौरान सर्विलांस टीम ने उनका लोकेशन ट्रेस कर लिया।
संयुक्त टीम हुई अलर्ट
पुलिस क्षेत्राधिकारी का लोकेशन मिलते ही कानपुर और उन्नाव जिले की संयुक्त टीम होटल में पहुंच गई। बुकिंग रजिस्टर देखने पर पता चला कि एक महिला के साथ पुलिस क्षेत्राधिकारी शाम 5:00 बजे से कमरा लेकर रुके हुए हैं। मौके पर पहुंची टीम ने होटल का कमरा नंबर 201 खुलवाने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद होटल मैनेजर ने कमरा खुलवाकर पुलिस के मौजूदगी की जानकारी दी। पुलिस क्षेत्राधिकारी और महिला सिपाही की होटल में एंट्री की सीसीटीवी में कैद तस्वीरें साक्ष्य के तौर पर उन्नाव पुलिस ने ले लिया था। इसके बाद CO को सस्पेंड करके गोरखपुर पीएसी रवाना किया गया था।
शासन की समीक्षा के बाद बने आरक्षी
सारे साक्ष्यों को संकलित करने के बाद विभाग ने पुलिस की छवि खराब करने की रिपोर्ट शासन को भेजी थी। जहां 22 जून को मामले की समीक्षा के बाद पुलिस क्षेत्राधिकारी कृपा शंकर कनौजिया को उनके मूल पद सिपाही पर तैनाती करने की संस्तुति की गई।
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