गोंडा:आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा द्वारा धान उत्पादन तकनीक विषयक एक दिवसीय आन कैम्पस कृषक प्रशिक्षण केंद्र पर संपन्न हुआ। प्रशिक्षण का उद्घाटन केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ मिथलेश कुमार पांडेय ने किया। उन्होंने कृषकों से धान की वैज्ञानिक खेती करने का आह्वान किया। डॉ. रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर ने बताया कि धान की उन्नतशील प्रजातियों का चयन कर किसान भाई सीड ड्रिल मशीन से सीधी बुवाई अथवा पौध तैयार कर रोपाई करें। प्रजाति का चयन भूमि की दशा, संसाधनों की उपलब्धता आदि पर निर्भर करता है। ऊसर भूमि हेतु नरेंद्र ऊसर धान- 3, सीएसआर -10, सीएसआर- 13, सीएसआर -36 आदि प्रजातियां उपयुक्त हैं । बीज शोधन हेतु 40 लीटर पानी में 4 ग्राम स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट घोलकर मिलायें । इसमें 25 किलोग्राम बीज को रात भर भिगोकर रखें। बीज को पानी से निकाल कर अलग कर लें। बीज में 50 ग्राम कार्बेंडाजिम 50 घुलनशील चूर्ण से बीज का शोधन कर गीले जूट के बोरे से ढँककर रखें। अंकुरित होने पर बीज की बुवाई पहले से तैयार पौधशाला में करें । डॉ. पीके मिश्रा वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि वानिकी ने धान में सिंचाई प्रबंधन, डॉ. अजीत सिंह वत्स ने फसल सुरक्षा तथा डॉ. मनोज कुमार सिंह ने कार्बनिक खादों के प्रयोग एवं महत्व की जानकारी दी। इस अवसर पर प्रगतिशील कृषकों विनोद कुमार तिवारी, अहमद अली, अयोध्या प्रसाद वर्मा, छीटन प्रसाद यादव, श्रीमती गीता चौधरी आदि ने प्रतिभाग कर खेती की तकनीकी जानकारी प्राप्त की।
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