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कृषि विविधीकरण अपना कर सफल बने किसान:शिवकुमार मौर्य



 गोंडा:भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कृषि आर्थिकी एवं नीति अनुसंधान संस्थान (निआप) पूसा नई दिल्ली के डॉ. विकास कुमार द्वारा जनपद गोंडा में दो दिवसीय भ्रमण के प्रथम दिन डॉ. रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान  कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर व मोहम्मद इरफान सामुदायिक आकाशवाणी केंद्र गोंडा के साथ अन्वेषक कृषक शिवकुमार मौर्य ग्राम रायपुर विकासखंड वजीरगंज जनपद गोंडा के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया । इस अवसर पर मौजूद शिवकुमार मौर्या, रामसूरत यादव आदि प्रगतिशील किसानों से उन्नतशील खेती से लाभ,खेती में आने वाली समस्याओं तथा खेती को लाभकारी बनाने के सुझावों पर चर्चा की । किसानों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कृषक हित में चलाई जा रही योजनाओं के बारे में अवगत कराया तथा किसानों को समय से योजनाओं से जुड़ने और फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया । श्री मौर्य द्वारा चार एकड़ क्षेत्रफल में दलहनी फसल उर्द की खेती, मचान पर  करेला एवं परवल की खेती,मक्का की खेती, औषधीय फसलों में सहजन तुलसी एलोवेरा आदि की खेती, उन्नत नस्ल की गाय एवं भैंस का पालन, हरा चारा की खेती, नाडेप एवं वर्मी कंपोस्टिंग द्वारा कार्बनिक खादों का उत्पादन आदि किया गया है । आम, अमरूद,परवल आदि के उन्नतशील किस्म के पौधे तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराई जाते हैं। कार्बनिक खादों का प्रयोग खेती में किया जाता है। श्री मौर्य द्वारा समय-समय पर जनपद के कृषि,  उद्यान आदि विभागों, कृषि विज्ञान केंद्र, केंद्रीय औषधि एवं सगंध संस्थान लखनऊ, राष्ट्रीय वानस्पतिक अनुसंधान संस्थान लखनऊ आदि से प्रशिक्षण प्राप्त कर देशी एवं उन्नत कृषि तकनीकों का खेती में प्रयोग किया गया है। इनके द्वारा औषधियों को तैयार करने के लिए ड्रायर, जूसर, डीप फ्रीजर लगाया गया है। औषधीय फसलों तुलसी,एलोवेरा, सहजन, देशी पान आदि का प्रयोग औषधियों को बनाने में किया जाता है। इन औषधियों से गठिया, बवासीर, पथरी आदि बीमारियों का इलाज भी श्री मौर्य द्वारा किया जाता है। फलदार वृक्षों में आम अमरूद पपीता केला नींबू सेब प्रजाति हरमन 99 आदि का रोपण किया गया है । इनके द्वारा खेती के कुल 4 एकड़ क्षेत्रफल से पूरे वर्ष लाखों रुपए की आमदनी प्राप्त की जाती है। श्री मौर्य द्वारा वीआर समग्र जलवायु फल एवं औषधि शोध संस्थान एवं इनकी धर्म पत्नी कुसुम मौर्य द्वारा सम्राट महिला स्वयं सहायता समूह का गठन कर कार्य किया जा रहा है। महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा काफी मात्रा में आम एवं कटहल का अचार, गन्ने का सिरका आदि तैयार किया गया है । वर्ष भर परिवार के सदस्यों तथा समूह की महिलाओं को काम मिलता है। वर्ष पर्यंत सभी को आमदनी प्राप्त होती है जिससे घर के दैनिक खर्चों की पूर्ति हो जाती है। इनकी बागवानी देखने के बाद मंडलायुक्त,जिलाधिकारी,मुख्य विकास अधिकारी, उप कृषि निदेशक  जिला उद्यान अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र आदि द्वारा प्रशंसा की जा चुकी है । लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय, नारी शिक्षा निकेतन, नंदिनी नगर महाविद्यालय आदि शिक्षण संस्थाओं के छात्रों समय-समय पर भ्रमण कर खेती की तकनीकी जानकारी प्राप्त की जाती है। डॉ. विकास कुमार वैज्ञानिक पूसा नई दिल्ली द्वारा भी श्री मौर्य की खेती की प्रशंसा की गई है । इनके द्वारा खेती की लागत को कम करने, ई-मंडी द्वारा विपणन करने आदि का सुझाव दिया गया ।

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