गोंडा:भ्रष्टाचार कर पुलिस की छवि को धूमिल करने के आरोप पर हुई जांच में दोषी साबित होने पर दरोगा और मुख्य आरक्षी को पुलिस अधीक्षक में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के मुताबिक 21 जून को वजीरगंज पुलिस में तैनात उप निरीक्षक ने ट्रक चालक से ओवरलोडिंग के नाम पर 25 हजार रुपए की मांग करते हुए धमकाया था कि रुपए नहीं दोगे तो हवालात में डाल देंगे। अयोध्या जनपद अंतर्गत पूराकलंदर थाना क्षेत्र के जमूरत नगर के रहने वाले ट्रक चालक प्रांजल गुप्ता के तमाम गिड़गिड़ाने के बाद रहम दिल दरोगा का दिल पसीज गया था, अपनी डिमांड को कम करते हुए उन्होंने 25 हजार रुपए को कम करके दस हजार रुपए कर दिया। इस दौरान ट्रक चालक के पास रुपए नहीं थे तब उसने पुलिस से अपनी जान छुड़ाने के लिए ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर करने के लिए उप निरीक्षक को राजी कर लिया था। ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से बचने में दांव खेलते हुए दरोगा ने अपने भाई के खाते में दस हजार रुपए ट्रांसफर करवा दिया। लेकिन दरोगा के चंगुल से छुटने के बाद ट्रक चालक ने दरोगा को पुलिस अधीक्षक और कमिश्नर से शिकायत करने की बात कही। इसके बाद दरोगा के प्राण पखेरू उड़ गए। उच्च अधिकारियों से शिकायत के डर से दरोगा ने ट्रक चालक के खाते में वसूले गए रकम को वापस कर दिया। जिसके बाद ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का स्क्रीनशॉट इंटरनेट पर वायरल हो गया था।
पुलिस अधीक्षक ने कराई जांच
इंटरनेट पर मामले का स्क्रीनशॉट वायरल होने के के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने क्षेत्राधिकारी तरबगंज सौरभ कुमार वर्मा मामले के जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी।
दोषी पाए गए दरोगा सिपाही
सीओ तरबगंज के जांच में आरोपी दरोगा आनंद उपाध्याय और मुख्य आरक्षी स्वामीनाथ गौतम का कार्य और आचरण संदिग्ध पाया गया, सीओ ने पाया कि दरोगा और सिपाही स्वेच्छा चारिता पूर्ण व पुलिस की छवि धूमिल कर रहे है।
दरोगा सिपाही निलंबित
पुलिस क्षेत्राधिकारी के जांच में दोषी पाए गए उपनिरीक्षक आनंद उपाध्याय और मुख्य आरक्षी स्वामीनाथ गौतम पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
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