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मुक्ति का एकमात्र साधन है श्रीमद्भागवत कथा :पं मधुर गोपाल शास्त्री



पं श्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या 

नवाबगंज (गोण्डा) कस्बे के काली कुंड मंदिर पर चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन की कथा सुनाते हुए कथा व्यास मधुर गोपाल शास्त्री ने बताया कि धुंधकारी के द्वारा किए गए अनन्य अपराध के बाद भी जब गोकर्ण जी द्वारा उसे पतित पावनी श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कराई तो धुंधकारी जैसे परम पापाचारी को भी भगवत धाम की प्राप्ति हो गई। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार भागवत कथा जरूर सुननी चाहिए। उन्होंने श्रद्धालुओं को भक्त प्रहलाद की कथा भी सुनाई। भक्त प्रह्लाद की कथा में भगवान के नरसिंह अवतार और हिरणयकश्प वध की कथा सुनकर श्रोता रोमांचित हो उठे।

कथा व्यास ने कहा कि भागवत कथा सुनने के उपरांत उसका चिंतन करना चाहिए और भागवत कथा के ज्ञान को अपने जीवन में उतारना चाहिए क्योंकि श्रीमद्भागवत कथा ही मुक्ति का एकमात्र साधन है। दूसरे दिवस की कथा के समापन पर दिव्य आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान

कथा के मुख्य यजमान- तीरावती पत्नी ओंकारनाथ तिवारी, पुष्पा तिवारी पत्नी शेर बहादुर तिवारी,  रूपम पत्नी प्रकाश नारायण तिवारी, सावित्री देवी पत्नी प्रह्लाद पटवा, सुमन मद्धेशिया पत्नी उमेश मद्धेशिया सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।

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