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कलियुग में संजीवनी है श्रीमद्भागवत कथा :मधुर गोपाल शास्त्री

 


बनारसी मौर्या/ राकेश सागर

नवाबगंज (गोंडा) कस्बे के काली कुंड मंदिर पर चल रही सामूहिक संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस की कथा में कथा व्यास मधुर गोपाल शास्त्री ने शुक्रवार को श्रीमद्भागवत कथा के प्रभाव और पुण्य का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि आजकल की आधुनिक जीवनशैली में लोगों में स्वार्थ, तृष्णा, अहंकार, मद, लोभ जैसे विकार बढ़ रहे हैं समाज में अधिकांश लोग आलसी, अवसरवादी और आराम-तलब होते जा रहे। लोगों में परस्पर प्रेम और सहयोग की भावना नाम मात्र ही बची है। ऐसे वातावरण में श्रीमद्भागवत कथा संजीवनी बूटी की तरह है। श्रीमद्भागवत कथा लोगों को सत्य की असत्य, घृणा पर प्रेम, तिरस्कार पर अपनेपन और कायरता पर वीरता का महत्व बताती है। भागवत कथा सुनने से लोगों में मानसिक शुद्धता, आस्था में दृढ़ता और पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म, नीति-अनीति का बोध होने लगता है। इसके बाद उन्होंने धुंधुकारी और गोकर्ण की मधुर कथा का वर्णन किया। इस दौरान मुख्य यजमान तीरावती पत्नी ओंकारनाथ तिवारी, शेर बहादुर तिवारी, रूपम पत्नी प्रकाश नारायण तिवारी, सावित्री देवी पत्नी श्री प्रह्लाद पटवा,  बबलू मद्धेशिया सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।

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