भीषण गर्मी में बेहाल होकर जंगलों से गावों की ओर तेंदुओं ने किया रुख,ग्रामीणों में दहशत का माहौल
कमलेश
खमरिया खीरी:उत्तर खीरी वन रेंज धौरहरा क्षेत्र में आसमानी तापमान बढ़ते ही जंगलों से भाग कर तेंदुए गावों की ओर रुख कर ग्रामीणों में दहशत फैलाएं हुए है। एक तरफ जहां तेदुएं आपसी विवाद में असमय काल के गाल के शमा रहे है वही ग्रामीण इलाकों में आमजन के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। इसी क्रम में आज ईसानगर क्षेत्र के बालू पुरवा में एक तेंदुआ झाड़ियों के बीच बना करीब 10 फिट गहरे नलकूप के टैंक में जाकर गिर गया। जिसकी सूचना ग्रामीणों से पाकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुचकर टैंक के चारो ओर जाल लगाकर रेस्क्यू कार्य शुरू कर दिया है बावजूद ग्रामीणों के दहशत का माहौल बना हुआ है।
सोमवार को धौरहरा रेंज के ईसानगर क्षेत्र के बालू पुरवा में गांव के बाहर जंगल झाड़ी के बीच बने नलकूप के टैंक में एक तेंदुआ जाकर गिर गया। जिसकी सूचना पाकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुचकर एहतियातन टैंक के चारो ओर जाल लगाकर तेंदुए का रेस्क्यू करने का प्रयास शुरू कर दिया है।बाबजूद तेंदुए को लेकर ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है। इस मामले में ग्रामीणों की माने तो भीषण गर्मी से बेहाल तेंदुए जंगलों से निकलकर रिहायशी इलाकों में आकर लोगों को परेशान कर रहे है। क्षेत्र में कई जगह विचरण करने की वजह से वन विभाग की टीम उन्हें रिहायशी इलाकों में जाने से रोक पाने में बेबस नजर आ रही है। इसी क्रम में आज दोपहर में चाहलार के एक युवक पर झप्पटा मारकर ग्रामीणों के शोर को सुनकर भागा एक तेंदुआ छिपने के लिए बालूपुरवा गांव के पास झाड़ियों में घुस गया। जहां झाड़ियों के बीच बने नलकूप के करीब 10 फिट गहरे टैंक में गिर गया। जिसकी सूचना पाकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुचकर टैंक के चारो ओर जाल लगाकर उसे रेस्क्यू करने के लिए प्रयास शुरू कर दिया है। बावजूद ग्रामीणों में तेंदुए को लेकर दहशत का माहौल बना हुआ है।
बताते चले कि करीब एक सप्ताह से खमरिया क्षेत्र के समैसा गांव में भी एक तेंदुआ खेतो में देखे जाने के बाद से लोग दहशत में है जहां खेतो की रखवाली करने के लिए ग्रामीण अकेले जाने से गुरेज कर रहे है। यही नहीं कुछ दिनों पहले रेंज क्षेत्र में दो तेंदुओं की आपसी लड़ाई में मौत की बात अभी लोगों के जेहन से मिटी नहीं थी कि समैसा व बालू पुरवा में तेंदुए के आगमन से लोगों में पुनः डर समाया हुआ है।
वही इस बाबत जानकारी करने के लिए वन कर्मचारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फ़ोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा।
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