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गोंडा:औषधि निरीक्षक की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर लाखों रुपए की अवैध दवाएं सीज की है। छापेमारी के दौरान जांच टीम को एक ऐसा मेडिकल स्टोर मिला, जिसमें स्टोर के पीछे अस्पताल संचालित हो रहा था। दो मरीजों को ड्रिप चढ़ाया जा रहा था, इसी दौरान संयुक्त टीम के अधिकारियों ने छापा मार दिया। औषधि निरीक्षक की टीम के पहुंचते ही दवा विक्रेताओं में हड़कंप मच गया।
मिली जानकारी के मुताबिक गोपनीय सूचना के आधार पर देवीपाटन मंडल गोंडा के सहायक आयुक्त औषधि मनोज कुमार ने औषधि निरीक्षक गोंडा रजिया बानो और औषधि निरीक्षक बलरामपुर आलोक कुमार त्रिवेदी की संयुक्त टीम गठित करते हुए बलरामपुर और गोंडा जनपद में छापेमारी करने के लिए निर्देशित किया था।
कहां कहां हुई छापेमारी
संयुक्त टीम ने भारी पुलिस बल के साथ गोंडा और बलरामपुर जनपद के अलग-अलग क्षेत्र में छापेमारी की। टीम ने गोंडा जनपद के धानेपुर क्षेत्र अंतर्गत देवारी खेरा के रहने वाले राजेश यादव पुत्र अशर्फीलाल, गोंडा जनपद के कुतुबगंज बाजार में, बलरामपुर जनपद के थाना रेहरा बाजार अंतर्गत संचालित मेडिकल स्टोर पूरे तेंदुआ में छापेमारी की।
मेडिकल स्टोर बना अस्पताल
संयुक्त औषधि टीम जब गोंडा के कुतुबगंज बाजार में पहुंच कर मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की, तो टीम भी दंग रह गई। आगे से देखने में मेडिकल स्टोर में पीछे से अस्पताल का संचालन हो रहा था। बिना प्लास्टर व फर्श के बने नवनिर्मित मकान में मरीजों को ड्रिप चढ़ाई जा रही थी। हालांकि मौके पर महज दो ही मरीज मिले, लेकिन मरीज को लेटने के लिए दो-दो कमरों का इंतजाम इस बात को दर्शाता है कि कहीं ना कहीं इस मेडिकल स्टोर को बड़े पैमाने पर अस्पताल के जैसे संचालित किया जा रहा होगा।
दवाएं सीज
छापेमारी के दौरान औषधि निरीक्षक टीम ने लगभग 1,01,485 रुपए की रंग बिरंगी एलोपैथिक औषधियाँ पाई। जिस पर संदेह होने के उपरांत उन्हें सीज कर दिया गया है।
बोली औषधि निरीक्षक
औषधि निरीक्षक राजिया बानो ने दूरभाष पर बताया कि कुतुबगंज के मेडिकल स्टोर में दो मरीजों को ड्रिप चढ़ाई जा रही थी, उन दोनों मरीजों को इलाज के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया गया था। दवाओं के चार नमूने भरे गए हैं, परीक्षण के लिए भेजा गया है। परीक्षण रिपोर्ट आने के उपरांत दोषी पाए जाने पर अन्य कार्रवाई की जाएगी।
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