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दो लाख की शर्त: लोकसभा प्रत्याशी के चुनाव परिणाम को लेकर अधिवक्ताओं ने लगाई शर्त, शपथ पत्र वायरल



गोंडा:लोकसभा प्रत्याशी के हार जीत को लेकर सट्टेबाजी का मामला प्रकाश में आया है। जिसमें प्रत्याशी के जीत हार को लेकर दो अधिवक्ताओं ने ₹200000 की शर्त लगाई है। यही नहीं अधिवक्ताओं ने हार जीत को लेकर लगाए गए शर्त के बाबत एक शपथ पत्र भी तैयार करवाया, जिसमें हार जीत के बाद शर्त के मुताबिक ₹200000 देने की बात कही गई है। शपथ पत्र अब सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहा है। 

किस प्रत्याशी को लेकर लगी शर्त

वायरल हो रहे शपथ पत्र के मुताबिक बदायूं लोकसभा क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी दुर्विजय सिंह शाक्य और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आदित्य यादव के हार जीत को लेकर शर्त लगाई गई है।

अधिवक्ताओं ने लगाई शर्त

शपथ पत्र में दिया गया है कि बदायूं जनपद के उझानी थाना अंतर्गत कस्बे के गौतमपुरी मोहल्ला के रहने वाले अधिवक्ता दिवाकर वर्मा पुत्र कृष्ण गोपाल उर्फ टिल्लन और बदायूं शहर क्षेत्र के वरामालदेव गांव के रहने वाले अधिवक्ता सत्येंद्र पाल पुत्र कल्याण सिंह के ने शर्त लगाया है।

किस पार्टी के लिए किसकी शर्त

वायरल हो रहे एफिडेविट के मुताबिक यदि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को विजय श्री प्राप्त होती है तो, ऐसी स्थिति में अधिवक्ता दिवाकर वर्मा को द्वितीय पक्ष अधिवक्ता सत्येंद्र पाल ₹200000 देंगे। यदि ऐसा होता है कि विजय श्री समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आदित्य यादव के पक्ष में होती है तो प्रथम पक्ष दिवाकर वर्मा द्वितीय पक्ष सत्येंद्र पाल को ₹200000 परिणाम से 15 दिन के भीतर भुगतान करेंगे।

रद्द होगा शपथ पत्र 

दोनों अधिवक्ताओं के मध्य शपथ पत्र के माध्यम से शर्त लगाने की उपरांत यह भी कहा गया है कि यदि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की धांधली होती है, तो यह शपथ पत्र स्वतः निरस्त हो जाएगा।

शपथ पत्र में दो गवाह

दोनों अधिवक्ताओं के मध्य दो अधिवक्ता गवाही बने हैं। शपथ पत्र में अधिवक्ता पवन कुमार और विश्वनाथ मौर्य को बतौर गवाह दर्शाया गया है। ₹10 के स्टाम्प नोटरी पर अधिवक्ताओं का शपथ पत्र में चार फोटो भी दर्शाया गया है। नोटरी को बाकायदा स्टैंप मुहर लगाकर हस्ताक्षर भी किया गया है। 

अंत में शपथ पत्र में लिखा गया है कि “यह अनुबन्ध पत्र गवाहों की उपस्थिति में तहरीर किया गया है ताकि सनद रहे”

फिलहाल पूरा मामला वायरल हो रहे शपथ पत्र पर आधारित है, वायरल हो रहे शपथ पत्र का क्राइम जंक्शन जिम्मेदारी नहीं ले रहा है।

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