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BALRAMPUR...पानी व तरल पदार्थ का करें सेवन, सूरज की सीधे रोशनी से बचें



अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के वरिष्ठ चर्म रोग चिकित्सक एवं मिशन स्किन केयर व संस्था फरियाद फाउंडेशन के संस्थापक डॉ अख्तर रसूल ने बढ़ती गर्मी को देखते हुए स्वास्थ्य संबंधी सलाह जनहि कि नत में जारी किया है ।

डॉक्टर अख्तर रसूल ने 30 मई को एक इंटरव्यू में बताया कि मई के महीने में तापमान में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिसके कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त होता जा रहा है । उन्होंने सलाह दिया कि आप लोग सुबह 10:00 बजे से दोपहर 4:00 तक धूप में निकलने से परहेज करें । मानव जीवन में धूप लगने से कई गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है जैसे की उल्टी, दस्त, तेज़ बुखार, शरीर एवं घुटनों में दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते, चक्कर आना समस्या हो सकती है । उन्होंने कहा कि अगर इस तरह का कोई भी लक्षण आपको हो तो तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें और खान-पान में बहुत ज्यादा सतर्कता बरते । साथ ही तरल एवं पेयजल का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें । खीरा ककड़ी एवं सलाद ज्यादा मात्रा में उपयोग में लाएं तेल एवं मसालेदार खाने से परहेज करें दिन भर में चार से पांच लीटर पानी अवश्य पिए धूप से बचें। एक अनुमान के अनुसार जब तापमान 36 से 37 डिग्री होता है तब हमे गर्मी, पसीना एवं प्यास लगना शुरू होती है । जब तापमान 38 डिग्री से ऊपर जाता है तब हमारे शरीर का हार्ट रेट बढ़ जाता है ,ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है सांस लेने में दिक्कत होने लगती है एवं पसीना शरीर से अधिक मात्रा में निकलता है जिस के कारण डिहाइड्रेशन होने की आशंका बढ़ जाती है, (3) जब तापमान 40 डिग्री होता है तब हमें चक्कर आने लगता है,कमज़ोर लगने लगती है । जब तापमान 41 डीग्री पहुंचता है तब हमारे शरीर में मसल क्रैम्प, कन्फ्यूजन थकान एवं घबराहट जैसी समस्या उत्पन्न होने लगती है, जब तापमान 42 डिग्री पहुंचता है तब हमारे शरीर मे सीरियस कन्फ्यूजन एवं बेहोशी होने लगती है। जब तापमान 43 डिग्री पहुचता है तब हमारे शरीर मे सीरियस ब्रेन डैमेज ब्रेन शौक एवं ब्रेन हेमरेज होने का खतरा बढ़ जाता है । जब तापमान  44 डीग्री से ऊपर जाता है तब मानव जनजीवन अस्त व्यस्त होने लगता है एवं मौत भी हो सकती है । उन्होंनेेेे बताया कि आने वाले दिनों में 47 से 55 डिग्री सेल्सियस के बीच बढ़ते तापमान और क्यूम्यलस बादलों की उपस्थिति के कारण अधिकांश क्षेत्रों में दमघोंटू माहौल होने के कारण, यहां कुछ चेतावनियां और सावधानियां दी गई हैं ।गैस सामग्री, लाइटर, कार्बोनेटेड पेय पदार्थ, सामान्यतः इत्र और उपकरण बैटरियाँ, कार की खिड़कियाँ थोड़ी खुली (वेंटिलेशन) होनी चाहिए, कार के फ्यूल टैंक को पूरा न भरें, शाम के समय कार में ईंधन भरें, सुबह के समय कार से यात्रा करने से बचे, कार के टायरों को ज़्यादा न भरें, ख़ासकर यात्रा के दौरान । बिच्छुओं और सांपों से सावधान रहें क्योंकि वे अपने बिलों से बाहर निकलेंगे और ठंडी जगहों की तलाश में पार्क और घरों में प्रवेश कर सकते हैं। खूब पानी और तरल पदार्थ पियें, सुनिश्चित करें कि गैस सिलेंडर को धूप में न रखें, सुनिश्चित करें कि बिजली मीटरों पर अधिक भार न डालें और एयर कंडीशनर‍ का उपयोग केवल घर के व्यस्त क्षेत्रों में करें, विशेषकर अत्यधिक गर्मी के समय में करै और दो तीन घंटे के बाद 30 मनिट्स का रेस्ट ज़रूर दे। बाहर 45-47° घर पे एसी 24-25° पर ही चेलाएँ,सेहत और तबियत ठीक रहेगी सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में आने से बचें, खासकर सुबह 10 बजे से दोपहर 4 बजे के बीच।

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