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खमरिया में संचालित अस्पताल में प्रसव के दौरान शिशु की हुई मौत



मामला तूल पकड़ता देख तीमारदार से ₹9500 की वसूली कर संचालक ने प्रसूता को उसके घर भेजकर झाड़ा पल्ला

आयुष मौर्या 

धौरहरा-खीरी:जनपद खीरी में स्वास्थ्य विभाग के मुखिया जहां फर्जी तरीके से संचालित अस्पतालों पर कार्रवाई कर उन्हें हमेशा के लिए बंद करवाने का दंभ भर रहे है,वही क़स्बा खमरिया में बगैर रजिस्ट्रेशन सीएचसी प्रभारी को अपना नजदीकी रिश्तेदार बताकर संचालित हो रहा न्यू हरिओम चिकित्सालय में खुलेआम मौत का तांडव खेला जा रहा है। सबकुछ जानने के बावजूद भी खमरिया सीएचसी में वर्षों से तैनात प्रभारी डॉक्टर उक्त अवैध अस्पलात की तरफ आजतक मुड़कर नहीं देखे। इस दौरान अगर जिले से भी कोई जांच आई तो सीएचसी प्रभारी इस मौत के अस्पताल की तरफ किसी का ध्यान नहीं ले गए। जिसके चलते हौसले बुलंद अस्पताल संचालक सीएचसी खमरिया में भी स्टॉप नर्सों से सेटिंग गेटिंग कर प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं की भर्ती करने से पहले ही उनकी हालत गंभीर कहलवाकर अपने अस्पताल में ले जाकर शुद्ध प्रसव करवाने के नाम पर भर्ती कर मौतों का तांडव कर रहे है,बावजूद जिम्मेदार स्वास्थ्य महकमा चुप्पी साधे हुए है। इसी क्रम में बुधवार को देर सायं दुलही गांव से सीएचसी खमरिया में प्रसव करवाने आयी प्रसूता भी इनका शिकार बन गई,जिसको सीएचसी में स्टॉप नर्स के द्वारा बच्चा उल्टा होने की बात कह साथ आई आशा के माध्यम से महिला को मौत अस्पताल में ले जाकर बगैर प्रशिक्षित डाक्टरों के ही प्रसव करवा दिया जहां शिशु की मौत हो गई। वही हद तो तब हो गई जब महिला की हालत खराब देख अस्पताल के संचालक ने परेशान तीमारदारों से ₹9500 की वसूली कर मामला तूल पकड़ता उससे पहले ही आनन फानन में प्रसूता का बगैर इलाज किए ही उसके घर भिजवाकर पल्ला झाड़ लिया।

योगी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ बनाने के लिए जहाँ बड़े बड़े ऐलान करके यह दर्शाती है कि गरीबों के साथ में किसी भी प्रकार छलावा बर्दास्त नही किया जायेगा। वहीं खीरी जिले में स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी के कारण गली गली खुले फर्जी अस्पतालों में गरीबों की जिंदगियों से खेलकर प्रदेश के मुखिया की किरकिरी कराने का सिलसिला लगातार जारी है। बुधवार को कस्बा खमरिया में पण्डितपुरवा रोड पर न्यू हरिओम चिकित्सालय के नाम से संचालित मौत के अस्पताल में दुलही निवासी रेनू पत्नी दिनेश बुधवार को उस समय शिकार बन गई जब वह अपने गांव की आशा बहु व अपने पति के साथ प्रसव करवाने के लिए सायं को सीएचसी खमरिया पहुचीं जहां मौजूद स्टॉप नर्स ने उसको भर्ती किये बगैर ही यह कहकर अस्पताल से बाहर कर दिया कि उसका बच्चा पेट मे उल्टा है। जिसको सुनकर पति दिनेश घबरा गया उसकी घबराहट का फायदा उठाकर आशा ने तत्काल कम पैसों में शुद्ध प्रसव करवाने का झांसा देकर मौत के अस्पताल में ले जाकर भर्ती करवा दिया। जहां घात लगाए बैठे अस्पताल संचालक पूर्व की भांति रेनू का बगैर प्रशिक्षित डाक्टरों के ही प्रसव करवा दिया जहां उसके शिशु की मौत हो गई व जच्चा की हालत बिगड़ गई,मामला तूल पकड़ता उससे पहले ही अस्पताल संचालक ने प्रसूता के पति से ₹9500 वसूलकर रेनू को उसी हालत में आशा बहु के साथ उसके घर छुड़वा कर अपना पल्ला झाड़ लिया। इस दौरान जब पति दिनेश अस्पताल पहुचा तो उसे डरा धमकाकर यह कहकर भगा दिया कि तुम मुझे जेल भिजवाने पर तुले हो जाओ तुम्हारी पत्नी को साथ आई आशा के साथ घर भिजवा दिया है। जिससे नाराज होकर दिनेश ने अस्पताल की शिकायत उच्च अधिकारियों से करने की बात कही तो उल्टे संचालक ने उसे सीएचसी खमरिया में तैनात चिकित्साधिकारी को अपना रिश्तेदार बता कर मुंह चुप रखने की धमकी देकर भगा दिया। लगातार इतना सब होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग इस अस्पताल के प्रति कार्यवाही के नाम पर मूक बना हुआ है,जो लोगों की जिंदगियों से लगातार खेल रहे है। जल्द ही इस ओर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया तो ओ दिन दूर नहीं जब मौत के इस अस्पताल में मोटी रकम कमाने के चक्कर में इलाज के नाम पर लोगों को असमय ही काल के गाल में भेजने का सिलसिला बढ़ जाएगा। वही इस बाबत जब जनपद के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया डॉ. संतोष कुमार गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि "मामले में यदि पीड़ित द्वारा लिखित में शिकायत की जाएगी तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

सीएचसी प्रभारी की नजदीकी के चलते इस अस्पताल पर आजतक नहीं हुई कार्रवाई

दसियों वर्षों से पंडित पुरवा रोड पर संचालित इस मौत के अस्पताल में कई बार बड़े हादसे हुए पर आजतक इस अस्पताल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई,इस बाबत कस्बेवासियों की माने तो अस्पताल संचालक सीएचसी खमरिया में तैनात प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की नजदीकी व रिस्तेदार भी है, जिसके चलते प्रभारी की कृपा इस अस्पताल पर लगातार बनी हुई है। खाश बात तो यह है कि सीएचसी प्रभारी की उपस्थिति में कस्बे में अन्य कई अस्पतालों पर पूर्व में बड़ी कार्रवाई की गई पर इस अस्पताल पर कभी किसी की नजर नहीं पड़ी। इस दौरान अगर कोई जिले से भी टीम आती है तो मौत के इस अस्पताल को पहले ही सूचना मिल जाती है। हां इतना जरूर हुआ कि जब जब यहाँ कोई घटना घटित हुई तब तब इस अस्पताल का नाम जरूर बदल दिया जाता है। वही जब मामले को लेकर खमरिया सीएचसी प्रभारी डॉ. पंकज भार्गव से सच्चाई जानने के लिए संपर्क किया तो उन्होंने फ़ोन ही रिसीव नहीं किया।

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