गोंडा:शत्रु सम्पत्ति मामले में नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के लगभग 20 दिन बाद शुक्रवार को पुलिस ने नगर पालिका अध्यक्ष उजमा राशिद को गिरफ्तार कर लिया है।
मामले मनोज कुमार रावत अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
शुक्रवार को उजमा राशिद के गिरफ्तारी के लिए जब नगर कोतवाली पुलिस पहुंची तो आसपास में हड़कंप मच गया। पालिका अध्यक्ष को उनके आवास से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाने के लिए अस्पताल लेकर गई।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि नगर कोतवाली पुलिस में बीते 16 मार्च को शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा करने के प्रकरण में जिलाधिकारी नेहा शर्मा के आदेश पर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष उजमा रशीद के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
क्या है आरोप
उस दौरान दर्ज कराए गए मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि नगर पालिका परिषद गोंडा के दस्तावेज में कूट रचना कर अनियमित एवं अवैध तरीके से नगर पालिका अध्यक्ष उजमा राशिद के नाम शत्रु सम्पत्ति को अंकित किया गया है। इन्हीं आरोपों के तहत पालिका अध्यक्ष के खिलाफ नगर कोतवाली पुलिस में 420, 419, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
इससे पहले भी हुई थी कार्रवाई
बता दें कि जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने गोंडा जिले का कार्यभार संभालते ही संरक्षक शत्रु संपत्ति गृह मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के निर्देश के क्रम में वर्ष 2023 के जून माह में नगर पालिका अध्यक्ष उजमा राशिद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नगर क्षेत्र के रकाबगंज स्थित पालिका अध्यक्ष के आवास को सील कर दिया था।
कैसे परवान चढ़ा मामला
गोंडा नगर के रकाबगंज में स्थित दुकान संख्या 15 और 16 शत्रु सम्पत्ति है। बता दें कि सन 1967 में देशभर के शत्रु संपत्ति को संरक्षक शत्रु सम्पत्ति गृह मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली को हस्तांतरित किया जा चुका है। लेकिन गोंडा के रकाबगंज में मौजूद शत्रु सम्पत्ति पर वर्ष 2020 में अवैध कब्जा करने का प्रकरण प्रकाश में आया था।तब गृह मंत्रालय ने उच्च स्तरीय जांच कराई थी। उच्च स्तरीय जांच में खुलासा हुआ कि शत्रु संपत्तियों पर अनाधिकृत रूप से कब्जा किया गया है। जांच टीम ने पाया था कि वर्ष 2001 एवं वर्ष 2002 में शत्रु सम्पत्ति का किराएदार बनकर संपत्ति को अपने नाम से हस्तांतरण कर लिया गया।
जिससे इस बात की पुष्टि हो गई थी कि गोंडा नगर पालिका परिषद अध्यक्ष उजमा राशिद के द्वारा दस्तावेजों में छेड़छाड़ करके अवैध तरीके से शत्रु सम्पत्ति को अपने नाम से अंकित करा लिया है।
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