बनारसी मौर्या
नवाबगंज (गोंडा) क्षेत्र के महंगूपुर गाँव में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन मंगलवार को कथा प्रवाचक ने वाराह अवतार के प्रसंग की कथा का वर्णन किया।
अयोध्या धाम से पधारे कथा प्रवाचक आचार्य विद्याभूषण शरण जी ने कहा कि सनकादिक ऋषियों के श्राप के कारण जय विजय असुर योनि में जन्मे। प्रथम अवतार हिरण्याक्ष और हिरनाकश्यप का लिया। हिरण्याक्ष पृथ्वी को लेकर पाताल लोक चला गया। तथा पृथ्वी को नष्ट कर देने का उपक्रम करने लगा। तब पृथ्वी वासी व्याकुल हो हाहाकार करने लगे। देवों ने भी पृथ्वी की रक्षा के लिए ब्रह्मा व शंकर से स्तुति की। तब सबने वैकुंठ निवासी विष्णु से गुहार लगाई। वाराह अवतार लेकर भगवान विष्णु ने हिरण्याक्ष का वध कर पृथ्वी की रक्षा की। कथा प्रवाचक ने कहा कि भगवान ने पृथ्वी बचाई किन्तु उसपर रहने वाले मनुष्य इसे मिटाने पर तुले हैं। सभी को वृक्षारोपण करना चाहिए। नदियों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जीव हिंसा बंद होनी चाहिए। इन सब को अपनाकर पृथ्वी की रक्षा में योगदान करना चाहिए ताकि हम बचें रहें। कथा प्रवाचक ने कुंती द्वारा श्रीकृष्ण स्तुति व भीष्म के प्रसंग की कथा का भी वर्णन किया। कथा में राजन पांडेय, अमिताभ पांडेय, हरिशंकर मिश्रा, संजय शर्मा, शशिधर पांडेय, अनमोल मिश्र, आशीष तिवारी, एसपी शर्मा सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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