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कौरवो ने छल से किया वीर अभिमन्यु का वध



कमलेश

धौरहरा खीरी। राम वाटिका धाम में हो रही श्रीरामनाम महायज्ञ मे बुधवार को काफी संख्या मे लोगों ने रामवाटिका धाम पहुंचकर यज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आहुतियां डाली साथ ही यज्ञ स्थल की परिक्रमा की। बृहस्पतिवार की रात को रासलीला कार्यक्रम में अभिमन्यु वध लीला का मंचन किया गया। लीला देखने के लिए धौरहरा सहित आसपास गांव के लोग पहुंचे और रासलीला का आनंद लिया। रासलीला मे पहुंचे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग प्रचारक अभिषेक जी, जिला प्रचारक अविनाश जी, भगवती प्रसाद अग्रवाल, महेश गंभीर सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने राधाकृष्ण की आरती कर लीला की शुरुआत की। रामवाटिका धाम का नजारा भक्ति रस मे सराबोर रहा। बृहस्पतिवार को दिन मे रामलीला का मंचन किया गया। रात्रि मे बरसाना से आई रासलीला मडंली के द्वारा रासलीला,रासविहार,मयूर नृत्य,वीर अभिमन्यु वध,जयद्रथ वध का मंचन किया गया। रासविहार मयूर नृत्य देख कर हजारो दर्शक भक्ति भोर हो गये। रात मे खेली गई रासलीला के मंचन मे पाडवो और कौरवो का युद्ध दिखाया गया। युद्ध के दौरान अर्जुन की अनुपस्थति मे कौरवो ने चक्रवयूह की रचना की। कौरवो को मालूम था कि पाडंवो की सेना मे अर्जुन के अतिरिक्त चक्र व्यूह तोडना किसी को नही आता है। च्रकव्यहू की सूचना मिलते ही पाडंवो की सेना मे खलभली मच गई कि कौन योद्धा च्रकव्यूह को तोडेगा। अभिमन्यु लडाई मे आगे बढने लगा तो युद्धिष्ठर ने रोक दिया। अभिमन्यु से पूछा जब तुम्हे चक्रव्यूह तोडना सीखा नही तो लडाई मे आगे क्यो बढ रहे। अभिमन्यु ने धर्मराज को बताया कि एक बार मेरे पिता अर्जुन मेरी माता को चक्र व्यूह तोडने की कला बता रहे थे तभी मैने सुना था। युद्ध मे अभिमन्यु धीरे धीरे विजय की तरफ बढ रहा था कि सातो महारथियो ने अभिमन्यु का छल कपट से वध कर दिया। पुत्र की मौत की सूचना पर अर्जुन ने जयद्रथ का सूर्य अस्त होने से पहले ही वध कर दिया। इस दौरान रामकुमार शर्मा, भगवती प्रसाद शुक्ला,समलिया प्रसाद मिश्रा,अशोक शुक्ला, अचल अवस्थी,अवधेश मिश्रा, योगेंद्र मिश्रा,श्यामबाबू शुक्ला, रामबाबू शुक्ला,अरुण अवस्थी,आदि मौजूद रहे।

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