बनारसी मौर्या
नवाबगंज (गोंडा ) महंगूपुर गाँव में चल रही भागवत कथा में शुक्रवार को कथा प्रवाचक ने कृष्ण के बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन किया।
कथा प्रवाचक आचार्य विद्या भूषण शरण जी ने पांचवे दिन भगवान कृष्ण की बाल लीला प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण अपने नटखट पन से एक तरफ जहां लोगों को परेशान करते हैं तो वहीं लोग उनके इस व्यवहार से आनंदित भी होते हैं। माखन चोरी और मटकी फोड़कर गोपियों को कृष्ण नित छेड़ते हैं। मैया यशोदा कृष्ण मनमोहन की शिकायत सुन सुन कर क्रोध करती हैं। जब माँ लाला को दण्डित करती हैं तो कृष्ण को बचाने स्वयं शिकायत करने वाली ही आ जाती हैं। कथा प्रवाचक ने कहा कि कृष्ण के बारे में जानकर कंस भयभीत हो गया और मारने हेतु रोज अपने वीरों को भेजनें लगा। किन्तु कृष्ण ने पूतना, वृत्तासुर, अघासुर जैसे कई दुष्टों को मार दिया। और अंत में कृष्ण ने कंस को मारकर पृथ्वी वासियों को कंस के अत्याचार से मुक्त कराया। कृष्ण ने गोवर्धन धारण कर इंद्र के भी अहंकार को मिटाया। कथा वाचक ने युवाओं को आत्महत्या को महापाप बताया। उन्होंने कहा कि आत्म हत्या जैसा पाप दूसरा नहीं। युवाओ को वृद्ध जनों की सेवा करनी चाहिए। इससे जो फल मिलता है वह जीवन में सदैव सफलता के मार्ग प्रसस्त करता है। कथा में रघुपति शरण जी महराज, शरद पांडेय, विनोद पांडेय, मिंटू पांडेय, जगन्नाथ शास्त्री, संदीप पांडेय, पंकज पांडेय, कृषनाथ पांडेय, प्रदीप पांडेय, दिनेश पांडेय, जगजीवन पांडेय, श्रीराम, बृजेन्द्र मिश्र, अनिल मिश्र, महादेव सिंह, जगदम्बा शर्मा, सुबेदार, रविवार टेलर , कपिल, सुधांशु, शिवकुमार, घनश्याम गुप्ता आदि लोग उपस्थित रहे।
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