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BALRAMPUR...महर्षि दयानंद के नाम पर बनेगा स्मृति द्वारा



अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के ओम भवन पर आर्यवीर दल के तत्त्वावधान में आयोजित दश दिवसीय नववर्ष स्वागत समारोह के नौवें दिन सोमवार को वैदिक विद्वान् आचार्य विष्णुमित्र वेदार्थी ने सम्बोधित किया कि आर्यसमाज सनातन वैदिक धर्म का सत्संग है। उन्होंने कहा कि धर्म उन कर्त्तव्यों को कहा जाता है कि जिनके करने से जीवन का अभ्युदय व मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके लिये ईश्वर की आज्ञा का पालन, पक्षपात रहित न्याय पूर्ण आचरण , सबका हित करना, वेद के उपदेशों का पालन व सुपरीक्षित कर्त्तव्य कर्मों को करना होता है। अहिंसा, धैर्य,क्षमा ,मन व इन्द्रियों का नियन्त्रण, चोरी न करना, आन्तरिक व बाहरी पवित्रता,सत्याचरण व क्रोध न करना आदि धर्म के लक्षण हैं। धर्म के ये लक्षण सभी मनुष्यों के लिये तुल्य रूप से मानने योग्य हैं।


इस कारण धर्म सब मनुष्यों के लिये एक है । और परम पिता परमात्मा अपनी सन्तानों को खण्डित करके नहीं अपितु सबको संगठित करके रखना चाहता है इसलिये उस प्रभु के धर्मोपदेश मनुष्यों के लिये अलग - अलग नहीं हो सकते हैं। इसलिये सब मनुष्यों का धर्म एक है। आचार्य वेदार्थी ने कहा कि धर्म के नाम पर चलने वाले सम्प्रदाय नूतन व पुरातन कोटि के होते हैं। जब मनुष्य के हाथों से इन सम्प्रदायों की स्थापना होती है, तब ये नूतन होते हैं और यही समय व्यतीत हो जाने पर पुरातन हो जाते हैं। किन्तु धर्म वही है कि जो न नूतन हो और न पुरातन हो अपितु ईश्वर निर्मित होने से सदा सनातन हो। हमें मनुष्यकृत सम्प्रदायों से बचाकर सनातन वेदोक्त धर्म का ज्ञान कराने के लिये महर्षि दयानन्द सरस्वती ने आर्यसमाज को स्थापित किया।‌ आर्यभजनोपदेशिका पण्डिता शशि आर्या ने प्रभु के गीत गाने में मज़ा है..., दुनियाँ में आला है सबसे निराला है वेदों का ज्ञान, बिना वेद अनुकूल आचरण भूमण्डल का नाश हुआ, बन संन्यासी योगाभ्यासी सारे जगत् में छा गया ऋषि वेदों वाला आ गया, वेदों के अनुकूल जिस दिन राज्य हो जाए मनोहर व उत्प्रेरक भजन व गीतों से वैदिक दिशा प्रदान की । इस अवसर पर विधायक पलटूराम ने अपने करकमलों से आहुतियां प्रदान कीं । उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि वेद आदि शास्त्रों में बताये गये उपदेशों के अनुसार चलना धर्म है । इसके लिये मैं सभी सेवाओं के लिये सदा तत्पर हूँ । विधायक जी ने आगे बताया कि आर्यवीर दल की मांग पर बलरामपुर से उतरौला जाने वाली सड़क पर संयुक्त चिकित्सालय के पास स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति में एक स्वागत द्वार बनवाया गया है तथा बलरामपुर से तुलसीपुर जाने वाली सड़क पर एम .एल .के. महाविद्यालय के पास "महर्षि दयानंद स्मृति द्वार" बनवाया जाना प्रस्तावित है । इस यज्ञ समारोह में विधायक जी बाहर से आए हुए सभी पांचो विद्वानों को स्मृति चिन्ह तथा शाल भेंट करके सम्मानित किया । विद्वानों द्वारा विधायक जी को महर्षि दयानंद का चित्र भेंट करके आशीर्वाद देते हुए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम संयोजक आर्य अशोक तिवारी ने बताया कि पूर्णाहुति पर 9 अप्रैल को आचार्य विष्णु मित्र वेदार्थी पत्रकारो से "आर्य समाज की आगामी योजना "पर प्रेस वार्ता करेंगे तथा सभी पत्रकारो को सम्मान पत्र, सत्यार्थ प्रकाश तथा प्रकाशरोधी सिर रक्षा कवच भेंट करके सम्मानित करते हुए आशीर्वाद देंगे। यज्ञ की वेदी पर आर्य अशोक तिवारी, वृन्दा आर्या, देवव्रत ,आर्यव्रत, मोहिनी आर्या, अरुण कुमार शुक्ला, शिवशरण आर्य, सुखा, ज्योति ने यजमान के रूप में आहुति डाली ।

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