अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर में 5 अप्रैल को एमएलके पीजी कॉलेज में महिला एवं यौन उत्पीड़न विरोधी प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित बैठक में समिति की प्रिसाइडिंग ऑफीसर प्रो. वीणा सिंह ने छात्राओं को अवगत कराया कि यूजीसी के रेगुलेशन 2015 ( प्रिवेंशन, प्रोहिबिशन एंड रिड्रेसल आफ सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ़ वीमेन एम्पलाइज एंड स्टूडेंट्स इन हायर एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन्स) के अंतर्गत सत्र 2016-17 से यह प्रकोष्ठ कार्यरत है। उन्होंने बताया कि छात्राएं अपनी समस्याएं समिति के किसी भी सदस्य से साझा कर सकती हैं। यदि कोई छात्रा, किसी ऐसी छात्रा को जानती है जो यौन उत्पीड़न की शिकार है, तो वह छात्रा दूसरी छात्रा की भी समस्या बता सकती है। समिति की वरिष्ठ सदस्य डॉ. रेखा विश्वकर्मा ने बताया कि कॉलेज से संबंधित यौन उत्पीड़न की समस्याओं का कॉलेज में ही निवारण किया जा सके इसलिए इस समिति का गठन किया गया है। इसलिए छात्राएं नि:संकोच अपनी समस्याएं साझा करें।उन्होंने यह भी बताया कि कॉलेज के दक्षिणी गेट पर पिंक बूथ बनाया जायेगा। समिति की सदस्य डॉ. अनामिका सिंह ने बताया कि छात्राओं को छात्रों से एक सीमा तक की बात करनी चाहिए ताकि यौन उत्पीड़न को रोका जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ छात्राएं यौन उत्पीड़न की बात पहले नहीं बताती हैं और जब बताती हैं तब तक काफी देर हो चुकी होती है। इसलिए छात्राओं को चाहिए कि वह यौन उत्पीड़न सहन न करें। डॉ. आकांक्षा त्रिपाठी ने कहा कि छात्राएं निडर होकर अपनी समस्याएं कह सकती हैं और उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा। समिति की सदस्य डॉ. भावना सिंह ने छात्राओं को निडर होने के साथ सतर्क रहने को कहा। उन्होंने बताया कि छात्राएं अपनी फोटो किसी छात्र के मोबाइल में ना भेजे, न ही छात्र के मोबाइल से खींचे, अन्यथा फोटो का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।
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