कमलेश
धौरहरा खीरी। राम वाटिका धाम में हो रही श्रीरामनाम महायज्ञ के दूसरे दिन शुक्रवार को हजारों लोगों ने पहुंचकर यज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आहुतियां डाली साथ ही यज्ञ स्थल की परिक्रमा की। गुरुवार की रात्रि में रासलीला मे श्री कृष्ण जन्म शिव तांडव लीला का सजीव मंचन किया गया। लीला देखने के लिए धौरहरा सहित आसपास गांव के लोग पहुंचे। लीला की शुरुआत श्री राधा कृष्ण की आरती से हुई। गोकुल मे श्री कृष्ण देवकी वासुदेव के यहाँ जन्म लेते हैं और वासुदेव जी उन्हें वृंदावन में नंद बाबा और यशोदा के पास छोड़ आते हैं पच्चासी वर्ष की उम्र में नंदबाबा के घर मे लाला का जन्म होता है जिस पर सभी ब्रजवासी नंदबाबा के घर बधाई देने व लाला के दर्शन करने जाते हैं जब वृंदावन में श्री कृष्ण के जन्म की खबर भोलेबाबा को होती है तो वह भी अपने ईष्ट के दर्शन करने के लिए नंदबाबा के घर आते है। यशोदा मईया उन्हें श्री कृष्ण के दर्शन नही कराती है। जिस पर भोले नाथ रुष्ट हो जाते हैं और अपने आराध्य ईस्ट देव के दर्शन करने की जिद पर अड़ जाते है और तांडव करते है उसके बाद माता यशोदा उन्हें श्रीकृष्ण के दर्शन कराती है। इस लीला को देख कर दर्शक भाव विभोर हो गए। वही दिन में राम लीला का सजीव मंचन किया गया। इस दौरान भगौती प्रसाद शुक्ला,रामकुमार शर्मा,अचल अवस्थी,अशोक शुक्ला,रामबाबू शुक्ला, श्यामबाबू शुक्ला, योगेंद्र मिश्रा मौजूद रहे।
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