पं श्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या
नवाबगंज (गोंडा) क्षेत्र के महंगूपुर गाँव में आयोजित भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर कथा व्यास ने शुकदेव व परीक्षित के जन्म की कथा का वर्णन किया।
कथा व्यास पं रामकुमार शास्त्री ने भागवत कथा में कृष्ण व विदुर की मित्रता का मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान ऊंच नीच के भाव को मिटाकर अपने प्रिय को गले लगाते हैं। विदुर जैसे मित्र के घर उन्होंने साग खाकर सच्ची मित्रता का संदेश दिया। कथा व्यास ने भगवान शिव द्वारा पार्वती जी को अमर कथा सुनाने के प्रसंग के साथ शुकदेव जी के जन्म वृतांत की तथा महारानी उतरा के गर्भ से परीक्षित के जन्म का वर्णन किया। कथा व्यास ने कहा कि कथा श्रवण में आने मात्र से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। भगवान शिव ने पार्वती को जो अमर कथा सुनाई वही कथा भागवत के रूप में मानव जीवन का कल्याण कर रही है। यह कथा देवो के लिए भी दुर्लभ है। भगवत प्रेमी का हृदय दया पूर्ण होना चाहिए। सभी जीवो के प्रति प्रेम भाव अनिवार्य है। कथा व्यास ने गौवंशो के अनादर को घोर कलयुग का प्रभाव बताया उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कलि के आते ही पृथ्वी रूपी गौ व धर्म रूपी बैल की दुर्दशा दृश्यमान हुई वही दृश्य अब हर जगह दिख रहा है। गौवंशो का अनादर सबके लिए अहितकर है। कथा में रवीन्द्र नाथ पांडेय, योगेंद्र पांडेय, पं जगन्नाथ शास्त्री, अनिल पांडेय, बड्डू, संदीप, चंदन आदि लोग रहे।
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