रमेश कुमार मिश्र
तरबगंज गोण्डा।सरकार की महत्वपूर्ण पहल थाना समाधान दिवस व सम्पूर्ण समाधान केवल औपचारिकता बन कर रह गया है शिकायत का निस्तारण ना होना सबसे बड़ा कारण है जिससे कोई भी फरियादी इन दिवस में शिकायत नही करना चाहता या यो कहे की पीड़ितो का मोहभंग हो गया है जिसका जीता जागता उदाहरण है की थाना समाधान दिवस में मात्र तीन शिकायते आई और किसी भी शिकायत का निस्तारण नही किया गया है।
बताते चले की सरकार की महत्वपूर्ण पहल जनता को त्वरित न्याय मिले और दूर ना जाना पड़े इसलिए थाना समाधान दिवस व सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया जिसमे गरीब व कमजोर पीड़ितो ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया और न्याय भी मिला लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया तो अधिकारियों व कर्मचारियों को अबैध वसूली की लत लग गई और कोई भी जिम्मेदार अधिकारी/जनप्रतिनिधि ने इसकी समीक्षा नही की जिससे पीड़ित को न्याय मिलना दुस्वार हो गया कारण सबसे बड़ा पैसे का ना होना क्योकि गरीब व कमजोर तबके के पीड़ित जिनको परेशान किया गया और शिकायत की तो उनसे पैसे की माँग की जाने लगी पैसा ना दे पाने के कारण गलत रिपोर्ट लगाकर अधिकारियों को गुमराह किया जाने लगा जिससे न्याय मिलना कठिन हो गया और आज ये स्थिती है की कोई कोई पीड़ित 15 और कोई 20वर्षो से सम्पूर्ण समाधान दिवस व थाना दिवस का चक्कर लगा रहा है लेकिन न्याय नही मिल पारहा है कारण विपक्षी का दबंग होना व पीड़ित के पास पैसा ना होना। ये दर्शाता है की न्याय बहुत कठिन है।
जिसका जीता जागता उदाहरण थाना समाधान दिवस तरबगंज में देखने को मिला जहाँ नायाब तहसीलदार व थानाध्यक्ष के साथ क्षेत्र के लेखपाल व पुलिस कर्मी 2बजे तक मौजूद रहे लेकिन पीड़ित फरियादियों का थाना समाधान दिवस से दूर दूर तक कोई रिस्ता दिखाई नही पड़ा और केवल तीन शिकायते दर्ज की गई लेकिन एक भी शिकायत का निस्तारण नही हो सका जो बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह लग रहा है।
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