वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़। अपने स्कूलों में बच्चे काफी समय बिताते हैं, इसलिए स्कूल का वातावरण उनके स्वास्थ्य और शिक्षा की निरंतरता में एक बड़ी भूमिका निभाता है। जब स्कूलों में लड़के और लड़कियों,दोनों के लिए स्वच्छ शौचालय,स्वच्छ पानी और माहौल स्वास्थ्यवर्धक होता है, तो स्कूलों में बच्चों की संख्या और सीखने की क्षमता बढती है। यह विचार विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ, उ.प्र जिलाध्यक्ष डॉ०विनोद त्रिपाठी ने उच्च प्राथमिक विद्यालय कांपा मधुपुर, बाबा बेलखरनाथ धाम में आयोजित "स्वच्छ विघालय, स्वस्थ बच्चे " प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण के अवसर पर व्यक्त किया। शिक्षक डा०विनोद त्रिपाठी ने कहा कि भारत सरकार ने देशभर में ‘स्वच्छ भारत, स्वच्छ विद्यालय’ या ‘क्लीन इंडिया,क्लीन स्कूल’ अभियान की शुरुआत वर्ष 2014 में की गयी थी। जिसका लक्ष्य बच्चों तथा उनके परिवारों के लोगों की स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधित मामलों में सुधार लाकर बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता मे एक दिखने वाला बदलाव लाया है।इसका एक उद्देश्य यह भी है कि स्कूलों के भीतर स्वच्छता प्रथाओं और पानी की सुविधाओं के सामुदायिक स्वामित्व को बढ़ावा मिले। इससे बच्चों के स्वास्थ्य, स्कूल में दाखिला, हाज़िरी और उनके स्कूल में बने रहने में सुधार हुआ है , साथ ही नई पीढ़ी के बच्चों के लिए रास्ता मज़बूत हुआ है।प्रभारी प्र० अ० राजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि बच्चों को स्वच्छता एवं अच्छी हैण्ड वॉशिंग पर विशेष ध्यान देना है, जिसमें साफ़पानी, सामूहिक हाथ धोना एवं शौचालय और साबुन की व्यवस्था शामिल है, ताकि सभी बच्चे और शिक्षक इसका उपयोग कर सकें। जो स्कूलों में अच्छी प्रथाओं को बढ़ावा देते हैं तथा जो पानी, सफाई और स्वच्छता से संबंधित बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं। इस मौके पर एन०जी०ओ० वर्कर राकेश दीक्षित, ए०आर०पी० बेलखरनाथ वैभव श्रीवास्तव, देवानन्द मिश्र, श्रीमती श्वेता मिश्रा,शशि बाला शुक्ला, योगिता पाण्डेय,सुरुचि सिंह शिक्षिका और संजीव दूबे आदि ने बाल सभा को सम्बोधित किया।
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