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स्वास्थ्य सेवाओं पर ग्रहण लगा रहे दलाल, स्थानीय डाक्टर प्राइवेट अस्पतालों मे दे रहे समय

 


पं श्याम त्रिपाठी/बनारसी मौर्या 

नवाबगंज (गोण्डा) नवाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उम्दा चिकित्सक, दवाएं, पैथोलॉजी, एक्सरे जैसी सुविधाएं सभी मरीजों को के लिए कहने के लिए मुफ्त उपलब्ध हैं। पर दलालों की सक्रियता के चलते मरीजों को झेलना पड़ रहा है। यहा पर अभी भी अभी भी हड्डी रोग विशेषज्ञ की आवश्यकता है पर वह नही है जो डाक्टर है वह भी प्राइवेट अस्पतालों मे समय देकर मुनाफा कमाने मे व्यस्त है।  इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर क्षेत्र के अलावा वजीरगंज, तरबगंज, सोहावल, बस्ती बार्डर, वनटांगिया गांवों, टिकरी आदि क्षेत्रों के सैकड़ो मरीज अपना इलाज कराने आते रहते हैं जिनमें से अधिकतर मरीजों को दलालों का शिकार बनना पड़ता है स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अनजान बने रहते है, इन व्यवस्थाओं पर ग्रहण लगाने का काम सीएचसी के आसपास स्थित निजी पैथोलॉजी लैब और मेडिकल स्टोरों के दलाल कर रहे हैं। दलाली की पराकाष्ठा यह है कि अब मरीजों को यहां इलाज कराना प्राइवेट चिकित्सालयों में इलाज कराने के बराबर लगने लगा है। दर्जनों की संख्या में ये दलाल ओपीडी के दौरान परिसर में ही मौजूद रहते हैं और मरीजों एंव तीमारदारों के पर्चे जबरन ले लेते हैं। ये वेल ट्रेंड दलाल मरीजों को गुमराह करके अपनी लैबों और दुकानों से मंहगी दरों पर जांच एंव दवाएं मरीजों को उपलब्ध कराते हैं। कुछ माह पूर्व अधीक्षक द्वारा इन दलालों की शिकायत लिखित रूप से प्रशासन की गई और इस समस्या का संज्ञान तेज - तर्रार उपजिलाधिकारी तरबगंज भारत भार्गव ने भी लिया था पर वह काफी नही हुआ । अस्पताल और स्थानीय प्रशासन की अकर्मण्यता के चलते ये दलाल लगातार सक्रिय रहते हैं और मरीजों की जेब पर डाका डाल रहे हैं। इन दलालों के स्थानीय होने के कारण अस्पताल के कर्मचारी भी इनसे डरते हैं। इस संबंध में अधीक्षक विनियेश त्रिपाठी ने बताया कि परिसर में दलालों के प्रवेश पर रोक है। ऐसे में यदि कोई दलाल और उपद्रवी स्वास्थ्य व्यवस्था से खिलवाड़ या मरीजों को परेशान करता नजर आया तो नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।फिलहाल ये बेखौफ दलाल आपको भी ओपीडी के दौरान पर्चा छीनते और मरीजों, तीमारदारों को गुमराह करते मिल जायेंगे ऐसे में यदि आप नवाबगंज सीएचसी इलाज के जा रहे हैं तो सावधान हो जाईए क्योंकि यहां दलालों की चलती हैं अधीक्षक भी रोक लगाने का दम भरते हैं पर वह कोई भी ठोस कार्रवाई कर पाने मे असमर्थ है।एक स्थानीय मरीज ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि यहा के डाक्टर खुद प्राइवेट अस्पतालों में समय देते हैं तथा स्थानीय मरीजों को इन्ही के शह पर दलाल परेशान भी करते है और मरीजों को इलाज के नाम पर धन वसूली की जाती है।

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