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मनकापुर:सरसों फसल पर प्रक्षेत्र दिवस आयोजित



अर्पित सिंह 

 गोंडा:आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर में समूहबद्ध अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन योजना अंतर्गत सरसों  प्रजाति आरएच 725 पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया । डॉक्टर मिथिलेश कुमार पांडेय वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने बताया कि सरसों रबी की एक प्रमुख तिलहनी फसल है । इसकी खेती करके किसान भाई अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं । डॉक्टर रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने सरसों प्रजाति आरएच 725 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रजाति हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के द्वारा विकसित की गई है । इसकी अवधि 125 से 130 दिन  है । इसकी उत्पादन क्षमता 10 कुंतल प्रति एकड़ है । सरसों की फसल में जिप्सम की एक कुंटल मात्रा प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करने पर गंधक तत्व की आपूर्ति हो जाती है । गंधक तत्व की प्राप्ति होने पर दाने में तेल की मात्रा बढ़ जाती है । गंधक तत्व के प्रयोग करने से फसल में फफूंद जनित रोग नहीं लगते हैं । डॉ. आरके सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक पशुपालन ने बताया कि सरसों की अच्छी पैदावार हेतु 4 टन सड़ी गोबर की खाद प्रति एकड़ प्रयोग करने से अच्छी पैदावार मिलती है । डॉ. पीके मिश्रा ने बताया कि सरसों की फसल को पाले से बचाव हेतु हल्की सिंचाई करना चाहिए, उन्होंने बताया कि शस्य वानिकी पौधों के साथ सरसों की सहफसली खेती की जा सकती है ।  डॉ. अजीत सिंह वत्स वरिष्ठ वैज्ञानिक फसल सुरक्षा ने बताया कि सरसों की फसल में माहू कीट की रोकथाम के लिए नीम तेल की ढाई मिली लीटर मात्रा को प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें । डॉ. मनोज कुमार सिंह ने प्राकृतिक खेती की जानकार दी । डा. ज्ञानदीप गुप्ता ने बताया कि मत्स्य तालाब के बंधों पर सरसों की खेती करने से मिट्टी का कटाव नहीं होता है ।  प्रगतिशील कृषक महादेव यादव के प्रक्षेत्र पर बोई गई सरसों की फसल को कृषकों को दिखाया गया । इस अवसर पर डॉ. दिनेश कुमार पांडेय, इंद्रभूषण सिंह कार्यालय अधीक्षक एवं लेखाकार, रोहित कुमार सिंह स्टेनोग्राफर सहित प्रगतिशील कृषक परशुराम शुक्ला, रतीराम यादव आदि मौजूद रहे ।

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