प्रदीप कुमार पाण्डेय
गाजीपुर। मौनी अमावस्या का सनातन धर्म में बड़ा ही महत्व है। बताते चलें की मौनी अमावस्या के दिन सच्चे मन से ईश्वर की प्रार्थना करना श्रद्धालु के इच्छाओं को पूर्ण करता है। इस संदर्भ में पंडित हृदय नारायण दुबे के अनुसार वर्ष में 12 अमावस्या पड़ती है। इन 12 अमावस्याओं में एक अमावस्या मौनी अमावस्या है। पौराणिक मान्यताओं में इसे माघ मास की अमावस्या भी कहा जाता है। इस अवसर पर दान पूण्य करने से सभी प्रकार के कष्ट और पापों से श्रद्धालुओं को मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में मौनी अमावस्या का स्थान अन्य सभी स्नान पर्वों में सर्वोत्तम कहा गया है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगा घाट पर पहुंचकर स्नान दान किया। बताते चलें की सुबह लगभग 4 बजे से ही श्रद्धालुओं का तांता गंगा घाट की ओर जाने लगा ।जनपद के चितनाथ घाट ,गौसपुर गायत्री घाट ,सेमरा बच्छल पुर घाट तथा सेमरा घाट पर लोगों की काफी भीड़ देखी गई ।स्नान के पश्चात लोगों ने किनारे बैठे दान लेने वालों को दान दिया तथा मंदिरों में पूजा भी की। कुल मिलाकर मौनी अमावस्या का पर्व धूमधाम से मनाया गया।
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