अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 22 फरवरी को नव वर्ष उत्सव योजना बैठक संपन्न हुई । बैठक जानकारी दी गई दी गई कि एमएलके डिग्री कॉलेज से भंडार खाना जाने वाली सड़क पर महर्षि दयानंद स्मृति द्वार बनाया जाएगा । साथ ही बलिदानी पार्क में 3 मूर्तियां स्थापित होगी । आर्य अशोक तिवारी ने बताया कि महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती वर्ष को राष्ट्रव्यापी स्तर पर मनाने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत वर्ष 12 फरवरी 2023 को स्वयं प्रथम आहुति देकर दिल्ली में बहुत बड़े समारोह का शुभारंभ किया तथा इस वर्ष 12 फरवरी को महर्षि की जन्म भूमि टंकारा में आयोजित विश्व आर्य सम्मेलन में अपना ऐतिहासिक उद्बोधन देकर समापन किया। इसके अतिरिक्त स्वयं अध्यक्ष और गृह मंत्री सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री तथा आर्य समाज के पदाधिकारियो को नामित सदस्य बनाकर सरकारी गजट भी जारी कर दिया, जिसके तहत पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम चलाए गए। आर्य वीर दल उत्तर प्रदेश ने प्रधानमंत्री जी की मंशा को पूरा करने के लिए बृहद कार्यक्रम बनाया और प्रांत अध्यक्ष डॉ. पंकज आचार्य के नेतृत्व में प्रदेश के 40 प्रमुख स्थानों पर 200 कुंडीय यज्ञ ऋषि चर्चा सम्मेलन तथा आर्य वीर- वीरांगनाओं को प्रशिक्षित करके शौर्य प्रदर्शन का कार्यक्रम बनाया गया । सौभाग्य से जिसका प्रारंभ डीएवी इंटर कॉलेज बलरामपुर से ही हुआ । साथ ही प्रदेश के सभी प्रमुख 40 स्थान पर कार्यक्रम संपन्न होने के साथ बलिदानी पार्क ओम भवन बलरामपुर में अथर्ववेद परायण यज्ञ के साथ समापन किया जाएगा, जिसका शुभारंभ 31 मार्च को शाम 5:00 बजे जनपद के संत महंत, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, प्रशासनिक अधिकारी तथा मीडिया के बंधु मिलकर करेंगे उद्घाटन के अवसर पर वेद वेदांग विद्यापीठ गुरुकुल धनपतगंज के संस्थापक आचार्य शुचिषद मुनि अपनी ब्रह्मचारी- ब्रह्मचारिणी टीम के साथ वेद की विविध विधाओं में वेद मंत्र पाठ करेंगे, बिजनौर से आए हुए अंतर्राष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता आचार्य विष्णु मित्र वेदार्थी जी अथर्ववेद परायण यज्ञ कराएंगे तथा पीलीभीत से आई हुई आर्य वीरांगना शशि आर्या सुमधुर भजन प्रस्तुत करेंगी। उन्होंने बताया कि सुबह शाम ओम भवन में नव वर्ष आगमन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 9 अप्रैल 2024 तक कार्यक्रम चलता रहेगा। उद्घाटन अवसर पर पार्क में भगवान परशुराम आचार्य चाणक्य और महर्षि दयानंद की मूर्तियां स्थापित करके प्रण प्रतिष्ठा भी की जाएगी। विदित हो कि विधायक कैलाश शुक्ल, विधायक पलटू राम तथा नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. धीरू सिंह के सौजन्य से पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद और सरदार भगत सिंह की मूर्तियां पहले से ही स्थापित है। प्रचार मंत्री ने आगे मनुस्मृति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्राण प्रतिष्ठा और प्रण प्रतिष्ठा में जमीन आसमान का अंतर है। प्राण प्रतिष्ठा में ईश्वर, भगवान व महापुरुषों के प्राण को खींचकर मूर्तियों में स्थापित करने की भावना की जाती है जो कि असंभव है क्योंकि न तो वेदों में कहीं प्राण को खींचने अथवा स्थापित करने का मंत्र है और न ही मनुष्य में किसी के प्राण को खींचकर मूर्ति में स्थापित करने की समर्थ है ।यदि होती तो मनुष्य अपने परिवार के सदस्यों अथवा अपने देश की सेवा के नौजवानों के मरते ही उनके प्राण को खींचकर उनमें स्थापित करके जीवित कर देता। इसके विपरीत प्रण प्रतिष्ठा में उपस्थित लोग जिस भगवान व महापुरुष की मूर्ति स्थापित की गई है उसके आचरण को अपने जीवन में उतारने के लिए प्रण अर्थात प्रतिज्ञा लेता है और अपना आचरण सुधार कर तदनुसार बनता है। इस अवसर पर सदर विधायक जी ने एमएलके डिग्री कॉलेज से ओम भवन- बलिदानी पार्क जाने वाली सड़क के मोड़ पर महर्षि दयानंद स्मृति द्वार बनवाने की घोषणा किया। विधायक को विशुद्ध मनुस्मृति भेंट करके तथा अभिनंदन गीत के साथ सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में संजय शर्मा, बृजेंद्र तिवारी, डीपी सिंह व विनोद गिरी सहित अन्य कई लोग उपस्थित रहे।
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